भारत की बल्ले-बल्ले: महाशक्तिशाली मिसाइल से बड़ी सफलता, चीन की हालत खराब

भारत ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए आज यानी मंगलवार को महाशक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रुज मिसाइल(Brahmos Supersonic Cruise missile) के एंटी शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया है। ये परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में किया गया।

Update: 2020-12-01 05:59 GMT
महाशक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रुज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) के एंटी शिप वर्जन का आज यानी मंगलवार को सफल परीक्षण किया है।

नई दिल्‍ली। भारत ने अपनी ताकत में बढ़ोत्तरी करते महाशक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रुज मिसाइल (Brahmos Supersonic Cruise missile) के एंटी शिप वर्जन का आज यानी मंगलवार को सफल परीक्षण किया है। सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, यह टेस्‍ट अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में किया गया। बता दें, ये भारतीय नौसेना की तरफ से किए जा रहे ट्रायल का ही हिस्‍सा था। इससे पहले भारत 24 नवंबर को सतह से सतह तक मार करने वाली महाविनाशक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का भी सफल परीक्षण कर चुका है।

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सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

ऐसे में ये परीक्षण भी हथियार के नियोजित परीक्षणों की श्रृंखला के हिस्से के जरिए किया गया था। इसके साथ ही मिसाइल के सतह पर मार करने में सक्षम इस नए संस्करण की मारक क्षमता को मूल 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी तक किया गया है, हालाकिं इसकी गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से करीब तीन गुनी कायम रखी गयी है।

इसी कड़ी में आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अलग-अलग संस्करण का परीक्षण किया जाना है।

फोटो-सोशल मीडिया

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घातक हथियार का उत्पादन

बता दें, ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम है जो इस घातक हथियार का उत्पादन करता है। ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन पर से भी दागा जा सकता है।

दरअसल भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) से लगे कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और बड़ी संख्या में अन्य प्रमुख हथियारों की तैनाती की है। वहीं भारत ने बीते ढाई महीनों में रुद्रम-1 नामक विकिरण-रोधी मिसाइल समेत तमाम मिसाइलों का परीक्षण किया है।

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