चीन पर गिरेगा बम! भारत देगा ऐसा झटका, मिला इस देश का साथ
भारत की तरह ताइवान भी चीन से परेशान है, ऐसे में दोनों लोकतांत्रितक देश करीब आ गए हैं और ट्रेड डील पर औपचारिक बातचीत करने वाले हैं।
लखनऊ: लद्दाख में तनातनी के बीच चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए सीमावर्ती देश पाकिस्तान और नेपाल से दोस्ती बढ़ा रहा है और इन के बॉर्डर क्षेत्रों में भी तनाव खड़ा करने की कोशिश में जुटा है। हालाँकि भारत भी पीछे नहीं है, चीन को सबक सिखाने के लिए अब नई रणनीति पर काम कर रहा है। भारत ने चीन के दुश्मन देशों से इस बाबत बातचीत शुरू कर दी है।
भारत-ताइवान के बीच ट्रेड डील पर वार्ता
भारत, चीन के दुश्मन देशों से रिश्ते मजबूत करने में जुट गया है। दरअसल, भारत की तरह ताइवान भी चीन से परेशान है, ऐसे में दोनों लोकतांत्रितक देश करीब आ गए हैं और ट्रेड डील पर औपचारिक बातचीत करने वाले हैं।
सीमा तनाव के बीच चीन के दुश्मन देश से भारत मिलाएगा हाथ
बता दें कि ताइवान वैसे भी कई सालों से ट्रेड डील पर चर्चा करना चाहता था लेकिन अब तक भारत इसके लिए तैयार नहीं था। वजह ये थी कि भारत चीन से रिश्ते खराब नहीं करना चाहता था लेकिन लद्दाख में एलएसी विवाद के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ चुका है, ऐसे में ताइवान संग चर्चा को लेकर भारत की हिचकिचाहट भी खत्म हो गयी है। और पिछले कुछ महीनों से ताइवान संग ट्रेड डील का भारत विचार कर रहा है।
ट्रेड डील से चीन को झटका, ताइवान की होगी जीत
इस बारे में बताया जा रहा है कि ताइवान के साथ ट्रेड डील से भारत को काफी फायदा होगा। देश को टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स में ज्यादा निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। वैसे अब तक ये निर्धारित नहीं हुआ है कि दोनों देशों के बीच बातचीत कब शुरू होगी और कब इसपर अंतिम फैसला आएगा। हालाँकि भारत सरकार ने इसी महीने स्मार्टफोन बनाने के लिए कई कंपनियों के प्रस्तावों कोमंजूरी दी है, जिसमे ताइवान की कंपनियां जैसे फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, विस्ट्रॉन ग्रुप और पेगाट्रॉन कॉर्प भी शामिल है।
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भारत बनाएगा दबाव, होगा फायदा
ध्यान दें कि अगर दोनों देशों के बीच सीधी ट्रेड बातचीत शुरू होती है तो ये चीन के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा तो वहीं काफी समय से ट्रेड डील के इंतज़ार में लगे ताइवान के लिए ये बड़ी जीत होगी। भारत- ताइवान की ट्रेड डील से चीन पर दबाव बनेगा, उसे भी किसी बड़े देश के साथ ट्रेड डील शुरू करना पड़ेगा। वहीं इस डील से एक तरह से भारत ताइवान को औपचारिक मान्यता दे देगा।
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