Indian Air Force Day 2022: दुश्मन सेनाओं को धूल चटाती रही है वायुसेना, प्राकृतिक आपदाओं में भी निभाई बड़ी भूमिका
Indian Air Force Day 2022: अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मन सेनाओं को धूल चटाने वाली भारतीय वायुसेना आज अपना 90वां स्थापना दिवस मना रही है।
Indian Air Force Day 2022: अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मन सेनाओं को धूल चटाने वाली भारतीय वायुसेना आज अपना 90वां स्थापना दिवस मना रही है। भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day 2022) के मौके पर इस बार चंडीगढ़ में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है। वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) के मौके पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस मौके पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हमेशा दिल्ली से सटे हिंडन एयरबेस पर होता रहा है मगर यह पहला मौका है जब दिल्ली से बाहर चंडीगढ़ में वायुसेना दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की कामयाबी के लिए चंडीगढ़ में दो दिनों तक जोरदार रिहर्सल किया गया है। वायुसेना दिवस के मौके पर वायु सेना का गौरवपूर्ण इतिहास जानना भी जरूरी है।
सैन्य अभियान में निभाई बड़ी भूमिका
भारतीय वायुसेना को पहले रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था। देश को आजादी मिलने के बाद इसके नाम में परिवर्तन किया गया और रॉयल शब्द हटाकर इंडियन एयरफोर्स शब्द का इस्तेमाल होने लगा। देश के लिए यह गर्व करने की बात है कि भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायुसेना ने समय-समय पर विभिन्न ऑपरेशंस में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
युद्ध के मैदान में दुश्मन सेनाओं को धूल चटाने में वायुसेना के जांबाज पायलट प्रमुख भूमिका निभाते रहे हैं। उरी में हुई आतंकी घटना के बाद सर्जिकल स्ट्राइक में भी भारतीय वायुसेना की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। आजादी के बाद भारतीय सेना ने जितने भी युद्ध लड़े हैं, उनमें भारतीय वायुसेना के पायलटों ने दुश्मन सेना का हौसला पस्त करने में बड़ी भूमिका निभाई है। 1932 में स्थापना के बाद से ही भारतीय वायुसेना सैन्य मोर्चे पर देश को गौरवान्वित करती रही है।
प्राकृतिक आपदाओं में भी बनी मददगार
सैन्य अभियानों के साथ ही देश में आई प्राकृतिक आपदाओं के समय भी भारतीय वायुसेना ने बढ़-चढ़कर अभियान चलाया है। गुजरात में आए चक्रवात, सुनामी और उत्तर भारत में आई बाढ़ की आपदा के समय भारतीय वायुसेना की भूमिका को हमेशा याद किया जाता है। उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के दौरान फंसे नागरिकों को निकालने में भारतीय वायुसेना ने विश्व रिकॉर्ड कायम किया था। राहत नाम के इस मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना के कर्मियों ने करीब 20,000 लोगों को सुरक्षित बचाया था। देश में आने वाली हर बड़ी प्राकृतिक आपदा में वायुसेना ने राहत पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
जश्न की जोरदार तैयारियां
भारतीय वायुसेना दिवस वायुसेना से जुड़े हुए योद्धाओं के सम्मान के लिए मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्र के प्रति वायुसेना की ओर से किए गए बलिदानों को याद किया जाता है। इससे देश के युवाओं को वायुसेना का हिस्सा बनने की प्रेरणा भी मिलती है। इस बार वायुसेना दिवस के मौके पर चंडीगढ़ में जश्न का बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह पहला मौका है जब वायुसेना दिवस का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली से बाहर किसी दूसरे शहर में आयोजित किया जा रहा है।
इस बड़े कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के दौरान 84 फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान आसमान में दिखाई देंगे। वायुसेना दिवस के मौके पर हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए), तेजस, सुखोई, मिग-29, जगुआर, राफेल, आईएल-76, सी-130जे और हॉक भी फ्लाईपास्ट का हिस्सा होंगे। हवाई प्रदर्शन में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव, चिनूक, अपाचे और एमआई-17 को भी शामिल किया गया है।