50 साल बाद 6200 मीटर की उंचाई पर सही सलामत मिला सेना के जवान का शव, ये है पूरा मामला
शिमला: वर्ष 1968 में भारतीय सेना का एक विमान एएन 12 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस विमान में 102 लोग सवार थे। करीब 50 पर्वातारोहियों के एक दल को 50 साल बाद हिमांचल प्रदेश के ढाका ग्लेशियर से एक सैनिक का शव सही सलामत मिला है। बताया जा रहा है कि इस सैनिक की मौत भी उसी दुर्घटना में हुई थी। newstrack.com आपको सिलसिलेवार ढ़ंग से इस पूरे मामले के बारे में बता रहा है।
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ये है पूरा मामला
7 फरवरी 1968 को भारतीय वायुसेना के एंटोनोव एएन-12 ट्विन इंजन टर्बोप्रॉप ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट चंडीगढ़ से लेह उड़ान भरने के दौरान गायब हो गया था। पायलट ने खराब मौसम के चलते वापसी का निर्णय लिया था।
लेकिन रोहतांग पास के समीप आखिरी रेडियो संपर्क हुआ और इसके बाद खो गया। मलबे को खोजने में विफलता के बाद इसे गायब घोषित कर दिया गया था। इस एयरक्रॉफ्ट में 98 यात्रियों के अलावा चार क्रू मेंबर लापता हो गए थे।
सेना ने चलाया था सर्च आपरेशन
सेना के कर्मियों ने यहां सर्च आपरेशन चलाया। इस दौरान उन्हें 16 जुलाई को बर्फ में दबे हुए एक व्यक्ति का कंकाल दिखा। बर्फ पिघलने के कारण कंकाल का हाथ का हिस्सा बाहर की तरफ दिखा।
उस वक्त ऐसा कहा गया था कि ये शव विमान हादसे का शिकार हुए किसी व्यक्ति का है। वर्ष 2003 में इस एयरक्रॉफ्ट का मलबा दक्षिणी ढाका ग्लेशियर में मिला था।
अगस्त 2007 में इस संबंध में भारतीय सेना ने ऑपरेशन पनारुथन-3 नामक अभियान चलाया था। जिसके तहत ढाका ग्लेशियर के आसपास तीन शव बरामद किए गए थे। 2003 से लेकर 2007 तक पांच शव बरामद किए जा चुके हैं।
50 साल बाद सही सलामत मिली बॉडी
हिमांचल प्रदेश के मनाली स्थित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के 11 सदस्यीय दल ने एक जुलाई 2018 को लाहौल-स्पीति जिला में स्वच्छता अभियान चलाया था।
इस दल के सदस्यों को जिला लाहौल-स्पीति के ढाका ग्लेशियर में 6200 मीटर की उंचाई पर 1968 के भारतीय वायुसेना के विमान के कुछ भाग और एक सैनिक का शव मिला है। शव की हालात सही सलामत है। बताया जा रहा है कि इस सैनिक की मौत भी उसी दुर्घटना में हुई थी।
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लापता सैनिकों के परिजन कर रहे हैं अपनों का इंतजार
पचास साल पूर्व 98 सैन्य जवानों समेत कुल 102 लोगों को लेकर उड़ान भरने वाले वायु सेना के विमान के अवशेष और नर कंकाल मिलने से लापता जवानों के परिजनों को उम्मीद बंधी है।
उनका मानना है कि जैसे –जैसे बर्फ पिघलेगी वहां पर इस हादसे से जुड़े कुछ और भी अवशेष मिल सकते हैं। वहीं कई ऐसे भी परिवार है जो इस उम्मीद है कि उनके घर के सदस्य की बॉडी मिल जाये तो वे विधि -विधान के साथ अंतिम संस्कार कर पाएंगे।