Indian Army Uniform: ब्रिगेडियर और सभी बड़े रैंक के आर्मी अफसरों की वर्दी होगी एक समान, इस तरह समझिए बदलाव
Indian Army Uniform: हाल ही में भारतीय सेना ने कुछ नए बदलाव करें हैं। अब ब्रिगेडियर रैंक और उसके ऊपर के अफसरों की यूनिफॉर्म में अंतर खत्म कर दिया गया है।
Indian Army Uniform: भारतीय सेना द्वारा ब्रिगेडियर रैंक और उससे ऊपर अधिकारियों की यूनिफॉर्म का अंतर अब खत्म करने का फैसला लिया गया है। 1 अगस्त से सबकी यूनिफॉर्म एक जैसी होगी भले ही उनकी नियुक्ति का तरीका और कैडर अलग अलग हो।
सभी सेना के अफसरों को सामान्य पहचान देने के लिए किया बदलाव
भारतीय सेना ने रेजिमेंट की सीमाओं से हटकर सेना के सभी अफसरों को सामान्य पहचाना दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया है। इस फैसले से भारतीय सेना के सभी संगठन और मजबूत होंगे।
सेना के सभी अधिकारियों की होगी एक जैसी वर्दी
इस फैसले के बाद सभी अधिकारियों की कैप, कंधे पर लगा बैच, जूते, बेल्ट सभी का मानकीकरण किया जायेगा। फ्लैग रैंक के अधिकारी कोई भी कमरबंद नहीं पहनेंगे। कर्नल और उससे नीचे के अधिकारियों की वर्दी में भी कोई बदलाव नहीं होंगे। ब्रिगेडियर, मेजर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल सभी अधिकारी एक ही रंग की टोपी, रैंक के अनुसार बैज, एक जैसी बेल्ट, जूते पहनेंगे। इस बदलाव के बाद वर्दी देखकर किसी भी रेजिमेन्ट की पहचान नहीं की जा सकेगी।
अब तक अधिकारी किस तरह की वर्दी पहनते थे
अब तकसभी अधिकारी अपनी रेजिमेंट के अनुसार वर्दी पहनते थे। अब तक इन्फेंट्री और खुफिया अधिकारी गाढ़े रंग की बैरे पहनते थे। इसके अलावा आर्टिलरी, इंजीनियर्स, सिग्नल, एयर डिफेंस, ईएमई, एएससी, एओसी, एएमसी और कुछ मामूली कोर अधिकारी गहरे नीले रंग के बैरे पहनते थे। पैराशूट रेजिमेंट के अधिकारी मैरून रंग के कपड़े पहनते थे। आर्मी एविएशन कोर के अधिकारी ग्रे बैरे पहनते थे। सभी अधिकारी अपनी रेजिमेंट के अनुसार अलग अलग रंग के टोपी, बैच और बकल पहनते थे।
पहले था क्या नियम
सभी अधिकारियों की एक यूनिफॉर्म पहनने की प्रथा सेना द्वारा 40 वर्ष पहले अपनायी गयी थी। 1980 के दशक के मध्य तक रेजिमेंटल सेवा लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक थी। कर्नल और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों में सामान्य वर्दी पैटर्न और प्रतीक चिन्ह होते थे। ब्रिगेडियर जनरल अधिकारियों की टोपी पहनने की अनुमति दी गई थी जिसमें ओक की पत्तों की माला के साथ क्रॉस तलवार और बैटिन शामिल था।
यूनिफॉर्म बदलने की क्यों पड़ी जरूरत
सेना में रेजिमेंटल सेवा अधिकांश अधिकारियों के लिए कर्नल के पद पर समाप्त होती है, इसलिए उस खास रेजिमेंट या कोर के साथ यूनिफॉर्म में भी बदलाव अंतिम बदलाव होना चाहिए जिससे किसी भी रेजिमेंट को उच्च रैंकों पर पदोन्नत न किया जाए। अक्सर अलग-अलग रेजिमेंटल सैनिकों को उच्च रैंकों या कर्नल पद पर नियुक्त किया जाता है। ऐसे में अब ये सैनिक अपने रेजिमेंट की वर्दी की जगह एक ही तरह की वर्दी में दिखाई देंगे। सिंह ने द्वारा यह फैसला लंबे समय के विचार विमर्श के बाद लिए गए हैं।