Indian Army: अब एआई तकनीक के जरिए होगी सरहदों की निगरानी, भारतीय सेना ने उठाया ये कदम

Indian Army: भारतीय सेना सरहदों पर एआई आधारित निगरानी प्रणालियों को तैनात करने के अलावा वे इसका उपयोग सोशल मीडिया निगरानी के लिए भी कर रहे हैं।

Update:2022-08-06 20:34 IST

भारतीय सेना-एआई आधारित निगरानी प्रणाली-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: Photo- Social Media

Lucknow: भारत के दो पड़ोसी देश (Neighboring Countries of India) परमाणु संपन्न और सैन्य रूप से ताकतवर हैं। दोनों के साथ भारत के संबंध काफी शत्रूतापूर्ण रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं चीन और पाकिस्तान की। देश का उत्तरी और पश्चिमी सीमा हमेशा से संवेदनशील रहा है। पाकिस्तान (Pakistan) के साथ एक समझौते के बाद उसके मोर्चे पर शांति बनी है लेकिन उसने आतंकी, ड्रग्स और हथियार भेजने बंद नहीं किए हैं।

वहीं उत्तरी सीमा पर चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध कायम है। कई दौर की सैन्य स्तर की बातचीत के बाद भी हमें संतोषजनक सफलता नहीं मिली है। चीन अभी भी अधिक पीछे नहीं गय़ा है। इसके अलावा हाल के दिनों में एलएसी के काफी करीब चीनी फाइटर जेट्स (chinese fighter jets) को उड़ते पाया गया था, जिसे लेकर पिछले दिनों भारत ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए देश के उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर सख्त निगरानी की जरूरत बढ़ गई है और इसमें तकनीक से अधिक मददगार कुछ और नहीं हो सकता।

एआई बेस्ड निगरानी सिस्टम की तैनाती

भारतीय सेना देश के उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी (border monitoring) सिस्टम की तैनात करने जा रही है। सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरहदों पर एआई आधारित निगरानी प्रणालियों (AI Based Surveillance Systems) को तैनात करने के अलावा वे इसका उपयोग सोशल मीडिया निगरानी के लिए भी कर रहे हैं। आतंकवाद रोधी अभियानों में खुफिया जानकारी जुटाने के लिए भी इस तकनीक की इस्तेमाल किया गया। हालिया समय में कश्मीर में हुए कई एंटी टेरर ऑपरेशन की सफलता में एआई आधारित रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर ने अहम भूमिका निभाई।

जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर एआई पावर्ड स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम की कई इकाईयां तैनात की है। इसके अलावा इन दोनों सीमाओं के 8 स्थानों पर एआई आधारित संदिग्ध वाहन पहचान प्रणाली को भी तैनात किया गया है। इससे मैन्युअल निगरानी की आवश्यकता काफी कम हो गई है। बता दें कि भारतीय सेना के लिए डीआरडीओ और भारत डायनामिक्स लिमिटेड लगातार ऐसे हथियार बना रही है, जो एआई तकनीक के जरिए उसके काम को आसान बना रहे हैं।

एआई तकनीक

इनमें भीड़ में भी स्कैन करने के बाद चेहरा पहचाने वाले उपकरण या ड्रोन में लगने वाले कैमरे शामिल हैं। हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एआई तकनीक पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत इस तकनीक के मामले में लगातार विकास करेगा। परमाणु शक्ति की तरह इस पर किसी एक देश का आधिपत्य नहीं होगा।

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