चीन सीमा पर सेना-वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, पहली बार होगा ऐसा

वायु सेना और भारतीय सेना चीन सीमा बड़ा युद्ध अभ्यास करने जा रही है। भारतीय सेना के एकमात्र माउंटेन स्ट्राइक कोर के पांच हजार से अधिक जवान अरुणाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगे। यह युद्ध अभ्यास इस साल अक्टूबर के महीने में होंगे।

Update: 2023-04-16 14:06 GMT

नई दिल्ली: वायु सेना और भारतीय सेना चीन सीमा बड़ा युद्ध अभ्यास करने जा रही है। भारतीय सेना के एकमात्र माउंटेन स्ट्राइक कोर के पांच हजार से अधिक जवान अरुणाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगे। यह युद्ध अभ्यास इस साल अक्टूबर के महीने में होंगे।

चीन सीमा पर भारतीय सेना का यह पहला युद्ध अभ्यास होगा। जहां युद्ध जैसी स्थिति का अभ्यास करने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात किया जाएगा।

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इस युद्धाभ्‍यास की स्थितियां बिल्‍कुल युद्ध के जैसी होंगी। नव निर्मित 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर पिछले पांच से छह महीनों से पूर्वी कमान के तहत इसकी तैयारियां कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट में सेना के एक सूत्र के हवाले से कहा गया है कि तेजपुर स्थित 4 कोर को हाई अल्टीट्यूड पर अपनी सेना की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा, तो वहीं 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर के 2500 जवानों को एयर फोर्स एयरलिफ्ट करेगी। स्ट्राइक कोर के जवान युद्धाभ्यास में 4 कोर के जवानों पर हवाई हमले करेंगे।

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इस युद्धाभ्यास में एयरफोर्स अपने हाईटेक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17, सी-130 सुपर हरक्युलिस और एएन-32 का प्रयोग करेगी।

इन विमानों से जवानों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। ये विमान बंगाल के बागडोगरा से जवानों को एयरलिफ्ट कर अरुणाचल प्रदेश के 'वॉर जोन' में उतारेंगे।

युद्धाभ्यास को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की देखरेख में इंटीग्रेटेड बेटल ग्रुप्स (आईबीजी) बनाए जाएंगे।

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