LOC पर खेल खत्म पाकिस्तान का, सेना रखेगी ये 'स्मैश-2000 प्लस' राइफल
भारतीय नौसेना के अनुसार, स्मैश की मदद से दुश्मन देश के ड्रोन हमले और उससे जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने में भी मदद मिलेगी। इस सिस्टम की पहली डिलीवरी अगले साल तक होने की संभावना है।
नई दिल्ली। चीन-पाकिस्तान से बीते दिनों से विपरीत होते संबंधों को देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी तैयारियों में लगी हुई है। ऐसे में छोटे ड्रोन से निपटने के लिए इस्राइल को सीमित संख्या में 'स्मैश-2000 प्लस' का ऑर्डर दिया है। ये एंटी-ड्रोन हथियार कंप्यूटराइज्ड फायर कंट्रोल और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक साइट प्रणाली से लैस है। साथ ही इसे बंदूक और राइफल के ऊपर फिट किया जा सकता है। ऐसे में हथियारों पर लगाने के बाद इसकी मदद से दिन या रात के वक्त में किसी भी छोटे ड्रोन को हवा में मार गिराया जा सकता है।
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सीमा पर कई ड्रोन उड़ते हुए नजर आए
भारतीय नौसेना के अनुसार, स्मैश की मदद से दुश्मन देश के ड्रोन हमले और उससे जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने में भी मदद मिलेगी। इस सिस्टम की पहली डिलीवरी अगले साल तक होने की संभावना है। ऐसे में हाल के दिनों में पाकिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा पर कई ड्रोन उड़ते हुए नजर आए हैं।
सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट में बताया, एक स्मैश सिस्टम की कीमत 10 लाख रुपये होगी। इसे राइफल्स के ऊपर लगाया जा सकता है और इसकी मदद से छोटे और तेज गति से मूवमेंट करने वाले ड्रोन्स को हवा में ही ढेर किया जा सकता है। इसकी मदद से दुश्मन ड्रोन्स को 120 मीटर की दूरी से मार गिराया जा सकता है।
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एयर डिफेंस को पूरी तरह से तहस-नहस
ऐसे में हाल के दिनों में सेना के लिए छोटे ड्रोन बड़े खतरे के रूप में उभरते नजर आ रहे हैं। वहीं खास तौर पर जब एक साथ कई छोटे ड्रोन्स सीमा की तरफ बढ़ रहे हों। ऐसे में स्थिति ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। झुंड में भेजे गए ड्रोन्स अपने दुश्मन के एयर डिफेंस को पूरी तरह से तहस-नहस कर सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत में लगातार हथियारों को स्वदेशी तकनीक पर तैयारी जारी है। इसी सिलसिले में, भारत अमेरिका के साथ हवाई-लॉन्च वाले छोटे एरियल सिस्टम या ड्रोन स्वार्म विकसित करने के लिए भी तैयारी कर रहा है।
वहीं इसके अलावा, द्विपक्षीय रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) के तहत 'काउंटर-यूएएस रॉकेट, आर्टिलरी और मोर्टार सिस्टम' नामक ड्रोन विरोधी तकनीक को भी तैयार करने में तेजी से लगा हुआ है।
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