ट्रेन में घूमने वाली सीटें, शीशें वाली छत, यात्रियों का सफर होगा हाईटेक

इंडियन रेलवे एक के बाद एक नए कीर्तिमान अपने नाम दर्ज कर रही है। भारतीय रेलवे ने हाल ही में ट्रेनों में विस्टाडोम कोच लगाने की शुरुआत की  है। ये भारत में अभी तक के सबसे हाईटेक रेलवे कोच हैं।

Update:2021-02-26 11:33 IST
भारतीय रेल: अब यात्रियों का सफर होगा हाईटेक, लग्जरी यात्रा का अनुभव देंगे विस्टाडोम कोच

नई दिल्ली: इंडियन रेलवे एक के बाद एक नए कीर्तिमान अपने नाम दर्ज कर रही है। भारतीय रेलवे ने हाल ही में ट्रेनों में विस्टाडोम कोच लगाने की शुरुआत की है। ये भारत में अभी तक के सबसे हाईटेक रेलवे कोच हैं। ये कोच यूरोपीयन शैली के हैं। ट्रेन के इन डिब्बों में यात्रियों को बेहद लग्जरी यात्रा का अहसास हो, रेलवे ने इन डिब्बों में इसके लिए खास ख्याल रखा है साथ ही इसकी रफ्तार भी आपकी यात्रा को रोमांच से भर देगी। इनमें यात्रियों को आरामदायक और हाईटेक सुविधाएं मिल रही हैं।

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नए विस्टाडोम पर्यटक कोच का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई द्वारा किया गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यूरोपीय शैली में बने ये नए विस्टाडोम एलएचबी कोच 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। हालांकि, फिलहाल इसकी गति 180 किमी प्रति घंटा रखी जाने की संभावना है, जो कि भारत की सबसे तेज ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस के बराबर है। इन विस्टाडोम एचएलबी कोच का स्पीड ट्रायल पिछले वर्ष ही हो चुका है।

रेलवे ने किया ट्वीट

रेल मंत्रालय ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें इन कोच को दिखाया गया है। रेलवे ने अपने ट्वीट में लिखा है कि विस्टाडोम कोच का करें अवलोकन। कोच में सफर आपके अनुभव को काफी अलग बनाता है। विस्टाडोम के डिब्बों में सवारी का आनंद लें और यात्रा के अनुभव को यादगार बनाएं। इन कोचों की सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये ट्रेन की दिशा के हिसाब से घुमाई जा सकती हैं।



ये हैं विस्टाडोम कोच की खासियतें

कोच में वाई-फाई-आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी दी गई है।

कोचों में बड़ी कांच की खिड़कियां लगी हैं। कांच की छत, ऑब्जरवेशन लाउंज की सुविधा है। रोटेशनल सीटें हैं।

खिड़कियों को ग्लास शीट से लेमिनेट किया गया है। इससे ये टूटने से बच सकेंगी।

कोच में एयर-स्प्रिंग सस्पेंशन की भी सुविधा है। ऑब्जरवेशन लाउंज में बड़ी खिड़की दी गई है।

हर यात्री की सीट के नीचे मोबाइल चार्जिंग पाइंट दिए गए हैं।

डिजिटल डिस्प्ले और स्पीकर की भी सुविधा है। पसंद के गाने सुन सकते हैं।

मेट्रो की तरह इन डिब्बों में भी ऑटोमेटिक स्लाइडिंग दरवाजे और जीपीएस सिस्टम लगाए गए हैं।

जीपीएस सिस्टम, सन-इन टाइप एलईडी डेस्टिनेशन बोर्ड, स्टेनलैस स्टील मल्टी-टियर लगेज रैक रहेंगे।

रिफ्रेशमेंट के लिए मिनी पैंट्री, माइक्रोवेव अवन, कॉफी मेकर, वॉटर कूलर, रेफ्रिजरेटर और वॉश बेसिन की सुविधा रहेगी।

चलती ट्रेन में निगरानी के लिए नए कोच ऑनबोर्ड सर्विलांस के लिए एक सीसीटीवी प्रणाली से भी लैस हैं।

कोच का इंटीरियर भी काफी अच्छा है। एफआरपी मॉड्यूलर टॉयलेट्स हैं।

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फिलहाल इन मार्गों पर हो रहा इस्तेमाल

ये कोच अभी देश के रेलवे चुनिंदा मार्गों पर चला रहा है। इनमें दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कांगड़ा वैली रेलवे, कश्मीर घाटी, कालका-शिमला रेलवे, मुंबई में दादर के बीच माथेरान हिल रेलवे शामिल हैं।

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