Indo-Bangladesh: प्रधानमंत्री मोदी से मिलीं बांग्लादेश की PM शेख हसीना, दोनों देशों के बीच हो सकते हैं 7 समझौते
अपने चार दिवसीय दौरे पर सोमवार को भारत आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में PM नरेंद्र मोदी से मिलीं। शेख हसीना 8 सितंबर तक भारत दौरे पर रहेंगी।
Indo-Bangladesh Relation : अपने चार दिवसीय दौरे पर सोमवार को भारत आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Bangladesh PM Sheikh Hasina) आज यानी मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं। शेख हसीना 8 सितंबर तक भारत दौरे पर रहेंगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, रेलवे, व्यापार, जल प्रबंधन और टेक्नोलॉजी से जुड़े सात समझौते हो सकते हैं। इनमें महत्वपूर्ण कुशियारा नदी जल समझौता भी है।
राष्ट्रपति भवन (President's House) पहुंची शेख हसीना (Sheikh Hasina) को पीएम मोदी ने रिसीव किया। इसके बाद वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) से मिलीं। राष्ट्रपति भवन में अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'जब लिबरेशन वॉर हुआ। हमारे देश ने आजादी पाई। तब भारत और यहां के लोगों ने हमारा साथ दिया। समर्थन किया। उस योगदान के लिए मैं हमेशा भारत की आभारी रहूंगी।' बांग्लादेशी पीएम दौरे के आखिरी दिन यानी 8 सितंबर को अजमेर शरीफ की दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) मत्था टेकने जाएंगी।
भारत आना हमेशा सुखद
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, भारत हमारा मित्र है। मेरे लिए यहां आना हमेशा सुखद रहता है क्योंकि हमें हमेशा याद दिलाता है कि हमारे देश की आजादी में भारत ने क्या योगदान दिया था। हमारे संबंध दोस्ताना हैं और हम हमेशा एक-दूसरे को सहयोग करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारा मुख्य फोकस गरीबी को दूर करना और इकोनॉमी को मजबूत करना है ताकि भारत-बांग्लादेश ही नहीं, पूरे साउथ एशिया के लोगों को बेहतर जीवन मिल सके।
शेख हसीना ने रोहिंग्या को बताया था 'बोझ'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) का मुद्दा उठा सकती हैं। भारत दौरे से पहले उन्होंने एक साक्षात्कार में बांग्लादेश में म्यांमार से आकर रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को बड़ा बोझ बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत इस समस्या को हल करने में बड़ी भूमिका अदा कर सकता है।
दरअसल, इस्लाम धर्म को मानने वाला रोहिंग्या समुदाय साल 2017 से बड़ी संख्या में शरणार्थी बनकर बांग्लादेश में रह रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसका आंकड़ा 13 लाख के करीब है। आर्थिक संकट से जूझ रहे बांग्लादेश के सामने अब ये बड़ी चुनौती बन गए हैं। इसलिए वो चाहता है कि भारत म्यांमार पर इन्हें वापस अपने देश बुलाने के लिए दबाव बनाए। हालांकि, म्यांमार साल 1982 में ही इनकी नागरिकता खत्म कर, इन्हें बाहरी घोषित कर चुका है।