नई दिल्ली: नेपाल में बने संविधान के खिलाफ भारत-नेपाल सीमा पर काफी दिनों तक चले मधेशी आंदोलन ने नेपाल और भारत के संबंधों में भी खटास पैदा कर दी थी। इसी खटास की वजह से नेपाल कई बार भारत पर दादागिरी करने का आरोप भी लगा चुका है। अब दोनों देशों के आपसी रिश्ते एक बार फिर पटरी पर आते दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा,'' भारत नेपाल का बड़ा भाई है न कि दादा।''
जमकर की नेपाल के राजनीतिक नेतृत्व की सराहना
-सुषमा स्वराज ने भूकंप के बाद की मुश्किल परिस्थतियों में अपनी परिपक्वता दिखाने के लिए राजनीतिक नेतृत्व को दी बधाई।
-नए संविधान को लागू करने के लिए बार-बार नेपाली राजनीतिक नेतृत्व और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सराहना की।
-उन्होंने कहा कि यह वक्त संविधान बनाने का था और राजनीतिक नेतृत्व एकजुट हुआ और ऐसा किया।
नेपाली नेतृत्व के प्रति जताया आभार
-विदेश मंत्री ने कहा कि मधेसियों ने सोचा कि उन्हें उम्मीद से कम राजनीतिक प्रतिनिधित्व हासिल होगा।
-मधेसियों की मांग पर उचित विचार करने पर नेपाली राजनीतिक नेतृत्व के प्रति जताया आभार।
-ओली सरकार ने उन संशोधनों को बेहतर किया और उन्हें पारित किया। अन्यथा संविधान के लागू होने के बाद जल्द ही संशोधन नहीं किए जाते।
सुषमा ने मधेसियों के आंदोलन को भी सराहा
-ओली ने जो राजनीतिक तंत्र बनाया है, वह मधेस समुदाय की शेष चिंताओं को दूर करेगा।
-यह लोकतंत्र की जीत है कि हमने राजनीतिक वार्ता के जरिए अपने मुद्दों को सुलझा लिया।