लाशों का कूड़ाघर: इस अस्पताल में सड़ रहे शव, गत्ते के डिब्बे में मिला मृत बच्चा
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की मॉर्चरी में 10 दिनों तक शव के स्ट्रेचर पर पड़े रहने के मामले के बाद अब इस अस्पताल के चिकित्सा संस्थान में पांच महीने के बच्चे का शव मिला।
भोपाल: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की मॉर्चरी में 10 दिनों तक शव के स्ट्रेचर पर पड़े रहने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब इस अस्पताल के चिकित्सा संस्थान के मुर्दाघर में एक पांच महीने के बच्चे का शव मिला है, बताया जा रहा है कि शव छह दिनों तक एक गत्ते के डिब्बे में बंद रखा था।
एमपी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की लापरवाही
मामला मध्य प्रदेश के महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) का है, यहां मॉर्चरी के फ्रीजर में एक बच्चे का शव मिला है। बच्चे की उम्र पांच महीने की बताई जा रही है, जिसका शव एक गत्ते के डिब्बे में रखा हुआ था। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आज शव का आनन-फानन में पोस्टमॉर्टम कराया गया।
पांच महीने के बच्चे का शव दस दिनों तक पड़ा रहा गत्ते के डिब्बे में
इस बारे में अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक एके पंचोनिया ने बताया, 'बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम हो गया है। हमने पोस्टमॉर्टम में देरी को लेकर अस्पताल के शिशु रोग विभाग के प्रमुख समेत तीन कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।'
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जन्म के बाद से लावारिश, इलाज के दौरान अस्पताल में मौत
कहा गया कि इस बच्चे के जन्म के बाद ही उसकी माँ छोड़ कर चली गयीं थीं। बच्चे को इंदौर से 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर कस्बे में 17 अप्रैल को लकड़ी के ढेर के पास कपड़े में लिपटे लावारिस हालत में पाया गया था। बच्चा एक दिन का दिन का था, उसकी नाभि से गर्भनाल तक अलग नहीं की गई थी।
पुलिस ने नगर निगम की मदद से कराया अंतिम संस्कार
इसके बाद लावारिस बच्चे की अस्पताल में इलाज के दौरान 11 सितंबर को मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने परिसर में बनी पुलिस चौकी में 17 सितंबर को मामले की सूचना दी। जिसके बाद थाना प्रभारी ने इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों की मदद से बच्चे का अंतिम संस्कार कराया।
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स्ट्रेचर पर मिला था दस दिनों से सड़ रहा कंकाल
गौरतबल है कि इसके पहले भी अस्पताल की मॉर्चरी में एक शव दस दिनों तक रखे रखे कंकाल बन गया था। शव जिस हालत में अस्पताल में आया था, वैसे ही स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। बदबू फैली तो प्रशासन को पता चला। बाद में सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें जमकर वायरल हुई तो अस्पताल प्रशासन हरकत में आया।
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