हरियाणा में इनेलो और बसपा में गठबंधन, 37 सीटें बसपा और 53 सीटें इनेलो के हिस्से, अभय चौटाला होंगे सीएम का चेहरा

Haryana Assembly Elections: दोनों दलों के बीच गठबंधन की जानकारी देते हुए अभय चौटाला ने कहा कि गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस सरकार का गठन करने के लिए दोनों दलों ने हाथ मिलाने का फैसला किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-07-11 13:19 IST

हरियाणा में इनेलो और बसपा में गठबंधन  (photo: social media )

Haryana Assembly Election: हरियाणा के विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections ) में भाजपा और कांग्रेस को मजबूत चुनौती देने के लिए इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने हाथ मिला लिया है। दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर पिछले दिनों दिल्ली में चर्चा हुई थी और अब इस पर मुहर लग गई है। दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन में बसपा राज्य की 37 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि इंडियन नेशनल लोकदल की ओर से 53 सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे।

इनेलो के नेता अभय चौटाला गठबंधन की ओर से सीएम पद का चेहरा होंगे। दोनों दलों के बीच गठबंधन का ऐलान अभय चौटाला ने खुद किया। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने देश को लूटा है और यह गठबंधन दोनों दलों को मजबूत चुनौती देगा। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन किसी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि राज्य के लोगों की इच्छा के अनुरूप किया गया है।

भाजपा और कांग्रेस को चुनौती देने का दावा

दोनों दलों के बीच गठबंधन की जानकारी देते हुए चौटाला ने कहा कि ने कहा कि गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस सरकार का गठन करने के लिए दोनों दलों ने हाथ मिलाने का फैसला किया है। हम कांग्रेस और भाजपा को मजबूत चुनौती देने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन राज्य में सरकार बनाने में कामयाब होगा। इस मौके पर बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर और मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने कहा कि अगर सरकार बनती है तो अभय चौटाला मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच गठबंधन सिर्फ विधानसभा चुनाव तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि दोनों दल मिलकर अन्य चुनाव भी लड़ेंगे। आकाश आनंद ने बताया कि मायावती और अभय चौटाला के बीच 6 जुलाई को बैठक हुई थी और इस बैठक के दौरान ही हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की रूपरेखा बनाई गई।


तीसरी बार दोनों दलों के बीच गठबंधन

हरियाणा में तीसरी बार दोनों दलों ने हाथ मिलाने का फैसला किया है। सबसे पहले 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों के बीच गठबंधन हुआ था। हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं और 1996 में इनेलो ने सात और बसपा ने तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था।

दोनों दलों के बीच दूसरी बार गठबंधन साल 2018 में हुआ था मगर यह गठबंधन विधानसभा चुनाव से पहले ही टूट गया था। अब हरियाणा में तीसरी बार दोनों दलों ने हाथ मिलाने का फैसला किया है और इस गठबंधन का हरियाणा में बड़ा असर दिखने की संभावना जताई जा रही है।


हरियाणा में दिख सकता है बड़ा सियासी असर

हरियाणा में मौजूदा समय में नायब सिंह सैनी की अगुवाई में भाजपा की सरकार सत्तारूढ़ है। भाजपा और कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव की जोरदार तैयारी की जा रही हैं। हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से मजबूत चुनौती मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा इस बार सिर्फ पांच सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी जबकि 5 सीटों पर कांग्रेस को विजय मिली थी।

दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच चल रही इस जंग में अब नया गठबंधन भी सामने आ गया है। माना जा रहा है कि यह गठबंधन दोनों दलों को सियासी चोट पहुंचा सकता है। बसपा हरियाणा में 1989 से ही चुनाव लड़ती रही है। इस बार पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले इनेलो से हाथ मिलाकर अपनी ताकत दिखाने का फैसला किया है।



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