INS Mormugao: अब दुश्मनों के होश ठिकाने लगाएगा विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ, भारतीय नौसेना में आज होगा शामिल

INS Mormugao: दुश्मनों का होश ठिकाने लगाने के लिए भारतीय नौसेना की ताकत आज और बढ़ जाएगी। भारतीय नौसेना में आज विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ को शामिल किया जाएगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-12-18 09:56 IST

warship INS Mormugao will be included in the Indian Navy today (Pic: Social Media)

INS Mormugao: दुश्मनों का होश ठिकाने लगाने के लिए भारतीय नौसेना की ताकत आज और बढ़ जाएगी। भारतीय नौसेना में आज विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ को शामिल किया जाएगा। इस युद्धपोत के शामिल होने के बाद हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की पहुंच बढ़ जाएगी और समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में और मदद मिलेगी।

मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना में शामिल करने के लिए आज मुंबई में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आधुनिक सेंसर और रडार की सुविधा से लैस इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना को सौंपेंगे। हिंद महासागर में हाल के दिनों में चीन ने अपनी गतिविधियां बढ़ा रखी हैं और ऐसे में इस युद्धपोत के भारतीय नौसेना में शामिल करने के कदम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस युद्धपोत के जरिए भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी।

दुश्मन सेना को नहीं लग सकेगी भनक

भारतीय नौसेना के पास पहले से ही कई जंगी जहाज हैं मगर आईएनएस मोरमुगाओ को जंगी जहाजों के बेड़े में सबसे सक्षम माना जा रहा है। इसके साथ ही इस युद्धपोत को आधुनिक हथियारों से लैस भी किया गया है। इस युद्धपोत की कई खूबियां हैं जो दुश्मन सेनाओं का होश ठिकाने लगाने में भारतीय नौसेना के बड़ी मददगार बनेगी। इस युद्धपोत की बाहरी परत का निर्माण स्पेशल स्टील से किया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि दुश्मन सेनाएं रडार के जरिए इसकी लोकेशन का पता लगाने में कामयाब नहीं हो सकेंगी।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना के वार्षिक डिजाइन ब्यूरो की ओर से डिजाइन किया गया है। मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड पर आईएनएस मोरमुगाओ का निर्माण किया गया है। आईएनएस मोरमुगाओ के नामकरण के पीछे भी एक दिलचस्प तथ्य जुड़ा हुआ है। इसका नामकरण गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर किया गया है।

युद्धपोत की क्या है खूबियां

भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने वाले इस विध्वंसक युद्धपोत की कई खूबियां है जो दुश्मन सेनाओं के लिए मुसीबत बनेंगी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह युद्धपोत मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली एसएएम मिसाइलों के साथ ही सतह से सतह पर मार करने वाली एसटीएम मिसाइलों से भी लैस है।

इसके साथ ही इस युद्धपोत में कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम और इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम भी लगे हुए हैं। इसके साथ ही यह युद्धपोत पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर और सुपर रैपिड गन माउंट की सुविधा से भी लैस है।

तीन गुना बढ़ जाएगी नौसेना की ताकत

जानकारों का मानना है कि इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के बाद इंडियन नेवी की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा। इस विध्वंसक युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है। इसका वजन 7,400 टन है।

इस युद्धपोत को चार शक्तिशाली गैस टरबाइनों के जरिए ऊर्जा हासिल होगी। रक्षा क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के बाद उसकी ताकत में तीन गुना बढ़ोतरी होगी।

बचाव करने में भी पूरी तरह सक्षम

इस युद्धपोत की एक खासियत यह भी है कि जैविक और रासायनिक युद्ध के समय में भी भी यह बचाव करने में सक्षम है। यह युद्धपोत 30 समुद्री मील की अधिक की गति से चलने में सक्षम है। इस युद्धपोत को 127 मिलीमीटर गन से लैस लैस किया गया है जिसके जरिए आईएनएस मोरमुगाओ 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को भेदने में पूरी तरह सक्षम है। इस पर एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी लगा हुआ है।

सेना की ओर से हाल के दिनों में आत्मनिर्भर भारत के अभियान को काफी महत्व दिया जा रहा है और इस अभियान के अंतर्गत ही इस युद्धपोत का निर्माण भी भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो की ओर से किया गया है।  

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