इंटरसेप्टर मिसाइल 'अश्विन' का सफल परीक्षण, अब दुश्मन मिसाइल हवा में ही होगी ढेर
नई दिल्ली: भारत ने बुधवार (1 मार्च) को उस स्वदेशी इंटरसेप्टर सिस्टम का टेस्ट किया, जिससे काफी कम ऊंचाई से आ रही दुश्मन की मिसाइल को भी तबाह किया जा सकता है। इसे अडवांस्ड एयर डिफेंस यानि एएडी इंटरसेप्टर कहते हैं। इस इंटरसेप्टर को 'अश्विन' नाम दिया गया है। यह भारत के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) कार्यक्रम का हिस्सा है।
दुश्मन की मिसाइलों से हिफाजत की दिशा में भारत ने एक और कदम बढ़ाया है। बंगाल की खाड़ी के अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का कामयाब परीक्षण किया गया है। एक महीने में इस तरह की मिसाइल का यह दूसरा टेस्ट था।
ऐसे हुआ परीक्षण
डिफेंस रिसर्च डिवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने सुबह करीब 10 बजे चांदीपुर टेस्ट रेंज से पृथ्वी मिसाइल छोड़ी। इसके करीब 4 मिनट बाद अब्दुल कलाम द्वीप से इंटरस्पेटर मिसाइल को प्रक्षेपित किया गया। ये मिसाइल चंद मिनटों में ही पृथ्वी मिसाइल को नष्ट करने में कामयाब रही।
ऐसे करेगा काम
बता दें कि बीएमडी कार्यक्रम 90 के दशक के अंत में शुरू हुआ था। इसमें दो स्तरों पर मिसाइलों से रक्षा की जाती है। यह वायुमंडल के अंदर और बाहर स्तर पर अपना काम करता है। वायुमंडल के बाहर 50 से 150 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर इससे मिसाइल को निशाना बनाया जा सकेगा। जबकि वायुमंडल के भीतर 20 से 40 किलोमीटर की ऊंचाई पर यह अपना काम कर सकता है।
नया प्लान भी है
हालांकि एक तरीका इससे भी नीचे की मिसाइलों को निशाना बनाने के लिए बनाया गया है। इस प्लान से तकरीबन 100 फीसदी सुरक्षा हासिल की जा सके। फेज-1 में इस प्रोग्राम के तहत 2,000 किलोमीटर की रेंज रखी गई है, जिसे फेज-2 में 5,000 किलोमीटर किया जाएगा।