IPS Lipi Singh: कौन हैं वह महिला आईपीएस? जिससे बिहार के बाहुबली अनंत सिंह भी थर्राते थे!

IPS Lipi Singh: लिपि सिंह कभी पटना के बाढ़ अनुमंडल की एडिशनल एसपी हुआ करती थीं। उन्होंने ही बाहुबली अनंत सिंह पर कड़ी कार्रवाई की और उनके मोकामा के पैतृक गांव लदमा में छापेमारी की थी।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-08-16 03:51 GMT

IPS Lipi Singh   (photo: social media ) 

IPS Lipi Singh: वैसे तो बिहार में एक से बढ़कर एक बाहुबली हैं। यहां बाहुलियों की फेहरिस्त काफी लंबी है पर उसी में से एक नाम है अनंत सिंह का। मोकाम के पूर्व विधायक अनंत सिंह के रसूक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें बिहार में छोटे सरकार के नाम से पुकारा या जाना जाता है। खासतौर से जब आप बाढ़ इलाके में जाएंगे तो वहां अनंत सिंह के नाम की बजाय छोटे सरकार का ही नाम चलता है। लेकिन बाहुबली अनंत सिंह भी एक महिला आईपीएस अफसर से खौफ खाते थे। वह आईपीएस अफसर हैं लिपि सिंह। लिपि सिंह कभी पटना के बाढ़ अनुमंडल की एडिशनल एसपी हुआ करती थीं। उन्होंने ही बाहुबली अनंत सिंह पर कड़ी कार्रवाई की और उनके मोकामा के पैतृक गांव लदमा में छापेमारी की थी।

मोकामा से लेकर पटना तक पहुंची लिपि सिंह

आईपीएस अफसर लिपि सिंह ने मोकामा में अनंत सिंह के घर से एक एके-47 राइफल, 22 जिंदा कारतूस और 2 देसी बम बरामद किए। इसी के आधार पर लिपि सिंह ने अनंत सिंह पर यूएपीए यानि अनलाफुल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इस घटना के बाद जब पुलिस अनंत सिंह के पटना आवास पहुंची तो अनंत सिंह फरार हो गए। लिपि सिंह यहीं नहीं रूकी उन्होंने अनंत सिंह के करीबी लल्लू मुखिया को पकडने के लिए दबिश बनाई और उसकी संपत्ति भी कुर्क करा दी। उस समय भी लिपि सिंह खूब सूर्खियों में रहीं, हर तरफ उनके इस कार्रवाई की चर्चा हो रही थी।


शिकायत पर हो गया था तबादला

इसी बीच चुनाव के दौरान बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी ने लिपि सिंह के खिलाफ शिकायत कर दी। जिसके बाद उनका तबादला बाढ़ अनुमंडल की एडिशनल एसपी के पद से आतंक निरोधक दस्ते में कर दिया गया, लेकिन समय फिर बदला और चुनाव खत्म होते ही लिपि सिंह वापस बाढ़ की एडिशनल एसपी बनकर आ गई और उन्हें अनंत सिंह के केस की जांच की जिम्मेदारी मिल गई। काफी समय से फरार अनंत सिंह ने 24 अगस्त 2019 को दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद बाद उन्हें पटना लाया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 16 अगस्त 2024 को अनंत सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर पटना के बेउर जेल से रिहा कर दिया गया।


लिपि सिंह ने की थी जांच, अब हो गए बरी

अनंत सिंह 3 साल तक जेल में बंद रहे। पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने 14 जून 2022 को उन्हें दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उन्होंने पटना हाईकोर्ट में अपील की थी जिसके बाद अब उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। इस पूरे मामले की जांच बाढ़ अनुमंडल की तत्कालीन एएसपी लिपि सिंह ने की थी। उन्होंने 5 नवंबर 2019 को कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। पुलिस की ओर से कुल 13 गवाह पेश किए गए जबकि अनंत सिंह ने 34 गवाह पेश किए।


कौन हैं आईपीएस अफसर लिपि सिंह

आईपीएस लिपि सिंह ने वर्ष 2015 में सिविल सर्विसेज की यूपीएससी परीक्षा पास की। इस परीक्षा में उन्हें आल इंडिया में 114 रैंक मिली। ट्रेनिंग के बाद उन्हें बिहार कैडर अलॉट किया गया और वह नालंदा जिले की पहली महिला आईपीएस अफसर भी रहीं। लिपि सिंह के पिता रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) भी आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। वह 1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस थे। बाद में वह वीआरएस लेकर नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल हो गए। बाद में वे राज्यसभा सदस्य भी रहे और उन्हें जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया गया। वह केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। वह अब बीजेपी में हैं। लिपि के पति सुहर्ष भगत भी आईएएस अधिकारी हैं। वे 2015 बैच के आईएएस हैं। लिपि सिंह सहरसा एसपी भी रहीं। हालांकि बाद में उनका ट्रांसफर एसएसबी में कमांडेंट के तौर पर कर दिया गया।



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