कोरोना वायरस को लेकर ईरान ने भारत को दिया तगड़ा झटका, कई जिंदगियों पर खतरा

ईरान में तैनात भारतीय वैज्ञानिक वहां फंसे भारतीय नागरिकों की नोवल कोरोना वायरस की जांच के लिए एक अस्थाई प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए ईरानी अधिकारियों से अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई है।

Update:2020-03-13 21:48 IST

नई दिल्ली: ईरान में तैनात भारतीय वैज्ञानिक वहां फंसे भारतीय नागरिकों की नोवल कोरोना वायरस की जांच के लिए एक अस्थाई प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए ईरानी अधिकारियों से अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है।

लगभग 1200 भारतीयों के नमूनों को प्रयोगशाला परीक्षणों के लिए ईरान से भारत लाया गया है और जांच की जा रही है कि क्या वे वायरस से संक्रमित हैं या नहीं। पुणे स्थित आईसीएमआर-एनआईवी के चार वैज्ञानिक तेहरान में फंसे हुए भारतीयों के नमूने ले रहे हैं।

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उन्होंने कहा है कि वे वहां अस्थाई प्रयोगशालाएं स्थापित नहीं कर पा रहे है, क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि वह उन्हें सुरक्षा नहीं प्रदान कर पाएंगे। चारों वैज्ञानिक अभी भी तेहरान में मौजूद हैं और लोगों के नमूनों को एकत्रित कर रहे हैं।

कुछ ही दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया था कि ईरान में फंसे लोगों को वापस बुलाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम भेजी जा रही है। ये वैज्ञानिक वहां पहले लोगों की जांच करेंगे। रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद उन्हें वापस लाया जाएगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीयों की जांच के लिए वैज्ञानिक वहां अस्थायी लैब स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते नमूनों को भारत लाना पड़ रहा है। चारों वैज्ञानिक अभी भी तेहरान में मौजूद हैं और लोगों के नमूनों को एकत्रित कर रहे हैं।

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