ISRO Chief S Somnath: इसरो चीफ ने रोक दी अपनी आत्मकथा, काफी विवाद हो गया था

ISRO Chief S Somnath: इसरो प्रमुख सोमनाथ ने बताया कि उन्होंने "अनावश्यक विवादों के कारण पुस्तक को वापस लेने का फैसला किया है।" हालाँकि, उन्होंने पुष्टि की कि इस संबंध में केंद्रीय मंत्रालय से कोई निर्देश नहीं मिला है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2023-11-05 08:53 IST

ISRO Chief S Somnath (Social Media)

ISRO Chief S Somnath: अपनी किताब के बाजार में आने से पहले ही कुछ विवादास्पद टिप्पणियों के मद्देनजर इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने अपनी आत्मकथा की रिलीज टाल दी है। इस किताब को 5 नवम्बर को शारजाह बुक फेस्टिवल में रिलीज होना तय था। 

कुछ विवादित कमेंट्स

'निलावु कुदिचा सिम्हंगल' (लायंस दैट ड्रंक मूनलाइट) शीर्षक वाली आत्मकथा में कथित तौर पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस सिवन के खिलाफ कुछ टिप्पणियां शामिल थीं। किताब में चंद्रयान-2 की विफलता को लेकर कुछ खामियों की ओर भी इशारा किया गया है।

इसरो प्रमुख सोमनाथ ने बताया कि उन्होंने "अनावश्यक विवादों के कारण पुस्तक को वापस लेने का फैसला किया है।" हालाँकि, उन्होंने पुष्टि की कि इस संबंध में केंद्रीय मंत्रालय से कोई निर्देश नहीं मिला है। सोमनाथ ने मलयालम में संस्मरण प्रकाशित करने वाले लिपि प्रकाशन को इसे वापस लेने का निर्देश दिया है।

सिवन के खिलाफ आरोप

अंतरिक्ष संगठन में अपने जीवन की गहराई से जानकारी देने वाले विस्तृत संस्मरण में, सोमनाथ ने कथित तौर पर अपने पूर्ववर्ती के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। किताब के कुछ अंशों को उद्धृत करने वाली रिपोर्टों से पता चलता है कि सिवन ने सोमनाथ को इसरो अध्यक्ष सहित अन्य नियुक्तियाँ प्राप्त करने से रोकने का प्रयास किया होगा।

- किताब में कथित तौर पर कहा गया है कि 2018 में जब किरण कुमार का कार्यकाल इसरो अध्यक्ष के रूप में समाप्त हुआ, तो उन्हें (सोमनाथ को) शीर्ष पद पर आने की उम्मीद थी। हालाँकि सिवन को चुना गया।

- चेयरमैन बनने के बाद भी सिवन वीएसएससी निदेशक का पद छोड़ने को लेकर अनिच्छुक थे। पूर्व निदेशक के कुछ हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें छह महीने बाद वीएसएससी निदेशक के रूप में तैनात किया गया था।

- किताब में यह भी बताया गया है कि कैसे सिवन ने अपनी सेवानिवृत्ति से पहले अपना कार्यकाल बढ़वाने का प्रयास किया था।

क्या कहा सोमनाथ ने

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमनाथ ने दोहराया कि उनकी किताब में ऐसा कोई बयान नहीं है कि के सिवन ने उन्हें इसरो अध्यक्ष बनने से रोकने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि - वीएसएससी निदेशक के रूप में नियुक्ति में छह महीने की देरी का उल्लेख एक तथ्यात्मक गलती है। यह एक त्रुटि है जो किसी तरह पुस्तक में आ गई। असल में इसमें केवल कुछ हफ़्ते की देरी थी। मैंने अंतरिक्ष आयोग के सदस्य के रूप में किसी और को नियुक्त किए जाने के बारे में जो कहा था, वह यह था कि मैं इससे दुखी था, क्योंकि मेरी अध्यक्ष बनने की संभावना अचानक धूमिल हो गई थी। मैंने उन्हें (सिवन को) दोषी नहीं ठहराया है। सोमनाथ ने कहा कि विवादों को देखते हुए उन्होंने प्रकाशन से किताब को रोकने के लिए कहा है।

सोमनाथ ने कथित तौर पर सिवन के तहत चंद्रयान -2 मिशन की विफलता की घोषणा के संबंध में स्पष्टता की कमी का भी उल्लेख किया है। लैंडिंग के वक्त यह साफ तौर पर नहीं बताया गया था कि संचार फेल हो गया है और यह क्रैश हो जाएगा।

ये किताब कथित तौर पर चंद्रयान-2 परियोजना के बारे में भी बताती है। किरण द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट में के.सिवन ने कई बदलाव किए थे। सोमनाथ ने कहा कि - “मेरा मानना है कि यह बताना एक अच्छा अभ्यास है कि वास्तव में मैदान पर क्या हुआ था। इससे संगठन के भीतर पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसलिए किताब में उस विशेष घटना का संदर्भ दिया गया है।

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