ITBP ने ठानी जिद्द: इस लंबी सुरंग से सभी को निकालेंगे सुरक्षित, नहीं मानेंगे हार

ITBP के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया, “मैप के जरिए मजदूरों की लोकेशन को लोकेट करने का काम चल रहा है। इसके अलावा उन तक, ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के लिए पूरे रास्ते को साफ किया जा रहा है।”

Update:2021-02-08 17:05 IST
ITBP ने ठानी जिद्द: इस लंबी सुरंग से सभी को निकालेंगे सुरक्षित, नहीं मानेंगे हार

देहरादून/नई दिल्ली: ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...’, हरिवंश राय बच्चन की लिखी हुई ये शायरी ITBP (Indo-Tibetan Border Police) पर खूब जमती है। बीते रविवार को ITBP की टीम ने कड़ी मशक्कत करते हुए 12 लोगों की जाने बचाई है। वहीं ग्लेशियर के टूटने की वजह से ढाई किलोमीटर लंबी सुरंग में भी काफी मलबा भरा हुआ है। इस मलबे को देखकर शायद ITBP ने हार नहीं मानी है, बल्कि ये उम्मीद जताई है कि वे मलबें में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकाल लेगें।

मैप के जरिए हो रहा है काम

कहते है कि उम्मीद पर तो पूरी दुनिया टिकी हुई है, ये तो फिर भी ITBP हैं। ITBP के प्रवक्ता विवेक पांडे ने एक मीडिया चैनल से बातचीत करते हुए बताया, “मैप के जरिए मजदूरों की लोकेशन को लोकेट करने का काम चल रहा है। इसके अलावा उन तक, ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के लिए पूरे रास्ते को साफ किया जा रहा है।”

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भयावह स्थिति

ITBP के प्रवक्ताक ने बताया, “जब हम लोग साइट पर पहुंचे थे तो वहां की स्थिति बहुत भयावह थी। दो टनल्स् की सूचना मिली थी जहां पर लोग जीवित पाए जा सकते हैं। एक छोटी टनल थी, उसमें से 12 लोगों को हमने पांच घंटे की मेहनत के बाद निकाल लिया था। दूसरी टनल काफी बड़ी है, उसपर काम चल रहा है। इसमें करीब 100 मीटर इलाके का मलबा निकाला चुका है। तीन-चार घंटे में 100 मीटर तक मलबा और निकालने के बाद शायद अंदर जाने का रास्तान बने। 30 से ज्यांदा लोगों के फंसे होने की आशंका है।”



ITBP ने जताई उम्मीद

उन्होंने यह उम्मीद जताते हुए कहा, “हमें उम्मी द है कि उन्हें जिंदा निकाला जा सकेगा। कई सारे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि टनल के अंदर कई सारे ऑक्सिजेनेटेड पॉइंट्स हो सकते हैं। टनल के नक्शें के मुताबिक, उसे देखकर ऐसी संभावना लग रही है।"

दूसरी टनल में 200 मीटर मलबा

टनल के मुहाना करने के बाद पीआरओ ने बताया, "हमारे अनुमान के मुताबिक, दूसरी टनल के मुहाने पर करीब 200 मीटर मलबा है। पहाड़ों की सुरंगों के डिजाइन काफी जटिल होते हैं, उन्हेंन बनाने के कई मकसद होते हैं। इस टनल की लगभग 12 फीट है। इस टनल के अंदर छोटे-छोटे सबवेज बने हुए हैं जो अंदर खत्मत होते हैं। वहां की अथॉरिटीज हमें यह बता रही हैं कि अगर पानी बहुत अंदर नहीं घुसा होगा और मजदूर टनल के पीछे वाले हिस्सेी में चले गए होंगे तो वहां चांसेज हैं कि उन्हें बाहर निकाला जा सकेगा।"

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एचआरटी में करीब 34 लोग फंसे

एक दूसरे अधिकारी ने सुरंग की स्थिति के बारे जानकारी देते बताया, “ ‘हेड रेस टनल या एचआरटी’ में करीब 34 लोग फंसे हुए हैं। वहीं ITBP के एक अन्या अधिकारी ने भी स्थिति के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया, “हम मलबा हटाते हुए पीड़ितों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जबतक संभव हो, रेस्‍क्यूक ऑपरेशन जारी रखें।”



हेलिकॉप्टरों की ली जा रही है मदद

NDRF के प्रमुख एसएन प्रधान ने ट्विटर पर स्थिति के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया, “एमआई-17 हेलिकॉप्टरों की मदद से घटनास्थल पर और दलों को भेजा गया है। रविवार शाम को एक छोटी सुरंग से ITBP के जवानों ने कम से कम 12 लोगों को बचाया था। उनमें से तीन को ITBP के जोशीमठ स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उन लोगों की हालत ठीक है।”

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