सबसे ऊंचा कृष्ण मंदिर: अब जयपुर में पधारेंगे कन्हैया, दिखेगा बेहद भव्य नजारा

साथ ही सीता-राम-लक्ष्मण और हनुमानजी का विग्रह रहेगा। राजस्थानी और आधुनिक शिल्पकला के अनूठे मेल वाला यह मंदिर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ज्ञान का केंद्र भी होगा।

Update: 2021-01-18 12:46 GMT
जयपुर में बन रहा राजस्थान का सबसे ऊंचा कृष्ण-बलराम मंदिर, 200 फीट होगी ऊंचाई

जयपुर: ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन.... कृष्ण की भक्ति ही ऐसी है जो भी उनके प्रेम गया वौ तर गया। राजस्थान की पहचान भक्त मीराबाई की कृष्णभक्ति भी है। यहां उनकी कृष्ण भक्ति की एक इबारत लिखी जा चुकी है। अब यूपी के वृंदावन की तरह ही जयपुर में भगवान कृष्ण और बलराम का अनोखा मंदिर बन रहा है।

हरे कृष्णा मूवमेंट से जुड़े पदाधिकारी सिद्धस्वरूप दास ने बताया कि श्रील प्रभुपाद ने जयपुर में एक बड़ा कृष्ण बलराम मंदिर और सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना करना चाहते थे। श्रील प्रभुपाद ने 13 जुलाई 1975 को जयपुर के जाने-माने प्रमुख व्यक्ति महावीर प्रसाद जयपुरिया को पत्र लिखकर जयपुर में वृंदावन जैसे एक भव्य मंदिर का निर्माण करने का अग्रह किया था। पत्र में कहा गया कि जयपुर वैष्णवों द्वारा पवित्र तीर्थस्थल के रूप माना जाता है। विशेष रूप से गौड़ीय वैष्णव गोविंदजी, राधा दामोदरजी, आदि वृंदावन के प्रमुख विग्रहों का दर्शन के लिए वहां जाते हैं। इसलिए वे जयपुर में भी एक कृष्ण बलराम मंदिर बनाना चाहते हैं।

 

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शिल्प और वास्तु

इसमें करीब 70 करोड़ खर्च होने वाले है।यह मंदिर 200 फीट ऊंचा है।। इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसके शिल्प और वास्तु में न केवल राजस्थानी और आधुनिक शिल्पकला का अनूठा मेल होगा। बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ज्ञान का केंद्र बनेगा। जयपुर के जगतपुरा इलाके में बन रहे इस मंदिर का लगभग 70 फीसदी काम पूरा हो गया है और इसे 2024 तक पूरा कर आमलोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

 

108 कलात्मक मयूरों से सुसज्जित

जयपुर के अमितासना दास ने बताया कि इस अनोखे मंदिर में 108 कलात्मक मयूरों से सुसज्जित राधा-कृष्ण-बलराम और गौर-निताई की प्रतिमा होगी। साथ ही सीता-राम-लक्ष्मण और हनुमानजी का विग्रह रहेगा। राजस्थानी और आधुनिक शिल्पकला के अनूठे मेल वाला यह मंदिर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ज्ञान का केंद्र भी होगा।

 

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ऐसे मिलेगा वेद पुराण का ज्ञान

मंदिर निर्माण में राजस्थान के कई पारंपरिक मंदिरों और ऐतिहासिक स्मारकों में पाए गए वास्तुकला तत्वों का उपयोग किया जा रहा है। खास बात यह होगी कि मंदिर में आने वाले भक्तों को एनीमेशन से वेद पुराण का ज्ञान परोसा जाएगा। साथ ही लाइट एंड वाटर शो, एनिमेट्रॉनिक्स आदि आधुनिक तकनीकों से प्रस्तुत किया जाएगा।

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