Jagdeep Dhakhar: रोजगार में किसानों के बच्चे आगे, गांव में आया बदलाव, भारत रत्न की देर पूर्व सरकारों पर बरसे जगदीप धनखड़
Jagdeep Dhankhar speak Bharat Ratna: आखिर चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, लेकिन आज जब उन्हें सम्मान दिया गया है तो दिल को तसल्ली हुई।
Jagdeep Dhankhar speak Bharat Ratna: पुरस्कार देने में देरी के कारण लोगों को जो दर्द महसूस हुआ वह अब दूर हो गया है'' भारत रत्न पुरस्कारों पर वीपी धनखड़ कहते हैंपूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एवं कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत (मरणोपरांत) रत्न से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स से की। भारत रत्न के नाम पर सबसे अधिक चर्चा का केंद्र बिंदु पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह बने हुए हैं। बीते चार दशक चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न देने की आवाज उठ रही थी, जो अब जाकर पूरी हुई। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न न मिलने की देरी पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सवाल उठाए, साथ ही केंद्र सरकार के इस कदम की प्रशंसा भी की।
करोड़ों लोगों को अब चैन मिला, दिल को तसल्ली हुई
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ शनिवार को मीडिया से करते हुए कहा कि देश के करोड़ों लोगों को अब चैन मिला है। आखिर चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, लेकिन आज जब उन्हें सम्मान दिया गया है तो दिल को तसल्ली हुई। एक नया उत्साह मिलता है कि मैं देश का नागरिक हूं वह देश जहां यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा, उपराष्ट्रपति रहते हुए जब मुझे पता चला कि भारत के पांच सपूतों को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न दिया जा रहा है, तो मैं नई ऊर्जा से भर गया। पूरा देश और दुनिया उन्हें जानती है।
चौधरी चरण का पूरा जीवन किसानों था समर्पित
उपराष्ट्रपति ने बताया कि चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन गांवों और किसानों के लिए समर्पित था। वे आपातकाल के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। अपने सिद्धांतों से कभी नहीं डिगे। व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं हो सकती कि भारत का उपराष्ट्रपति और एक किसान का बेटा होने के दौरान जब मुझे इसकी जानकारी मिली तो बिना समय बर्बाद किए मैंने इस सूचना को राज्यसभा में सदस्यों के साथ साझा किया। सदन में सभी वर्गों द्वारा किए गए स्वागत से मैं अभिभूत हूं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह किसानों से कहा करते थे, अर्थव्यवस्था में योगदान देने के अलावा किसान भारत की राजनीति की रीढ़ भी हैं। आज मुझे खुशी है...जब रोजगार की बात आती है तो किसानों के बच्चे बहुत आगे हैं। गांवों में इतना बदलाव आया है। एक तरह से चौधरी साहब के सपने आज साकार हो रहे हैं। इतनी बड़ी शख्सियत का इतना बड़ा सम्मान, वो भी ऐसे दौर में जब भारत अपने अमृत काल में है, ऐसे लोगों का सम्मान करना बड़ी बात है।
पहले सरकारों के पास था मौका
उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ''मौका था, चौधरी चरण सिंह को (पहले की सरकारों को) पुरस्कार देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पहले जब पद्म पुरस्कार दिए जाते थे तो कैसा माना जाता था? आज जब पद्म पुरस्कार दिए जाते हैं तो लोग एक स्वर में कहते हैं, सही मिला। जब ऐसे व्यक्तित्व (चौधरी चरण सिंह) को पुरस्कार दिया गया है "इतनी देरी से भारत रत्न मिलना थोड़ा दुख होता है, लेकिन आज वो दर्द कम हो गया है। चौधरी साहब को भारत रत्न मिला और आप कल्पना कर सकते हैं कि करोड़ों किसानों और ग्रामीणों को अब जाकर चैन की नींद मिली है।
स्वामीनाथन को उपराष्ट्रपति ने कही ये बात
एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न मिलने पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमने वह युग देखा है, जब देश में गेहूं का आयात किया जाता था, लेकिन एमएम स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में क्रांति ला दी। स्वामीनाथन के पास किसानों के लिए एक बड़ा विचार था। मैं किसानों से कहना चाहता हूं - वे आज होने वाली प्रगति का केंद्र बिंदु हैं। हर गांव में सड़क होने से किसानों को फायदा होता हो रहा है। हर घर में बिजली, नल, शौचालय मिला रहा है। अगर देश का किसान सकारात्मक मानसिकता के साथ आगे बढ़ेगा तो वे अर्थव्यवस्था का और भी महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा।