Jaipur Mumbai Train Firing: कॉन्स्टेबल के नार्को टेस्ट से पता चलेंगे राज़

Jaipur Mumbai Train Firing: आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह ने 31 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास चलती जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीणा और तीन यात्रियों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

Update:2023-08-04 12:44 IST
Jaipur Mumbai Train Firing (photo: social media )

Jaipur Mumbai Train Firing: जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन गोलीबारी में चार लोगों की हत्या के आरोपी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह का नार्को टेस्ट हो सकता है। अधिकारियों के अनुसार, चेतन से महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने रेलवे से पूछताछ की है।

फायरिंग से ही इनकार कर रहा

बताया जाता है कि बोरीवली जीआरपी की हिरासत में बन्द चेतन सिंह पूछताछ में गोलमोल और ऊटपटांग जवाब देता है। उसने तो ये भी कहा है कि उसे ट्रेन में गोलीबारी की कोई जानकारी ही नहीं है। सहयोग न किये जाने से जांच एजेंसियां को मामले की तह तक जाने में दिक्कतें हो रही हैं। जांच एजेंसियां जानना चाहती हैं कि क्या के इशारे पर गोलीबारी करवाई गई, किनके संपर्क में आरोपी रहा था, उसका मकसद क्या था वगैरह।

क्या है मामला

आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह ने 31 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास चलती जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीणा और तीन यात्रियों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

यात्रियों के बयान दर्ज

बोरीवली जीआरपी ने अभी तक 20 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं। स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए पुलिस घटना के समय ट्रेन में मौजूद लोगों से संपर्क कर रही है। उन्होंने लोगों से आगे आने का अनुरोध किया है ताकि घटनाओं के क्रम को ठीक से समझा जा सके। घटना के बाद, मुंबई में बोरीवली सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) में चेतन सिंह के खिलाफ धारा 302, शस्त्र अधिनियम और रेलवे पुलिस अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

क्या बताया यात्रियों ने

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोच बी-5 में एक यात्री ने बताया कि वह गोली चलने की आवाज सुनकर जाग गया। उसके मुताबिक कोच में ‘गोली चली गोली चली’ की सुगबुगाहट हो रही थी। मैं उठा और थोड़ा झुककर बी-6 की ओर देखने लगा क्योंकि आवाज़ उधर से आई थी। जब मैंने देखा कि एक आरपीएफ जवान ने अपने सहकर्मी की हत्या कर दी है तो मैं स्तब्ध रह गया। कोच में हर कोई डर गया था और चादरों और कंबलों के नीचे छिप गया था। कोच में अंधेरा और सन्नाटा था। जब वह हमारे कोच से दूसरे की ओर चला तो हम उसके कदमों की आवाज सुन सकते थे। लगभग 10 मिनट बाद, हमने एक और गोली चलने की आवाज सुनी जब उसने कोच बी-5 और बी-4 के बीच शौचालय के पास एक यात्री (अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानपुरावाला) की हत्या कर दी।'

एक अन्य यात्री ने कहा कि : “मैं सो रहा था जब मैंने अचानक गोलीबारी की तेज़ आवाज़ सुनी। यह बिल्कुल पटाखे जैसी आवाज़ थी। मैं उठ गया और लोगों को यह कहते सुना कि गोलीबारी हुई है। अन्य यात्रियों ने मुझसे कंबल के नीचे छुपे रहने को कहा। मैंने वैसा ही किया और मीरा रोड के पास ट्रेन रुकने के बाद ही बाहर निकला।''

एक अन्य यात्री ने कहा कि वह सुबह करीब 3.45 बजे उठे थे क्योंकि उन्हें वापी स्टेशन पर उतरना था। ट्रेन को सुबह 4.05 बजे वापी पहुंचना था। जब मैं वापी रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए इंतजार कर रहा था तब मैंने दो आरपीएफ जवानों को बहस करते हुए सुना। वे मेरी बर्थ के बगल में बैठे थे। उनमें से एक एएसआई, कांस्टेबल पर चिल्ला रहा था जबकि कांस्टेबल कह रहा था कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है और वह वापी या वलसाड रेलवे स्टेशन पर उतरना चाहता है। इस यात्री ने एएसआई को यह कहते हुए सुना कि वह उसे (सिंह को) इतनी जल्दी ड्यूटी से मुक्त करने की अनुमति कैसे दे सकता है। एएसआई कह रहे थे कि उन्हें अपने वरिष्ठों को उनकी शरारतों के लिए जवाब देना होगा। इस बीच, आरपीएफ का एक और जवान उनकी बातचीत में शामिल हो गया जिसके बाद उन्होंने किसी और को बुलाया और वे सब मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे।" यात्री ने कहा कि जब वह उतर रहे थे तो उन्होंने देखा कि चेतन सिंह असहज लग रहा था।

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