‘नरेंद्र मोदी मेरे शिष्य नहीं बल्कि एक शानदार इवेंट मैनेजर हैं’, जयराम रमेश ने आडवाणी के बयान का जिक्र कर पीएम पर कसा तंज
जयराम रमेश ने कहा, गुजरात दंगों के दौरान वाजपेयी नरेंद्र मोदी को हटाना चाहते थे लेकिन आडवाणी ने उन्हें बचा लिया।
Bharat Ratna. देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल लालकृष्ण आडवाणी को मोदी सरकार की ओर से भारत रत्न देने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी समय में यह महत्वपूर्ण ऐलान बीजेपी कैडर को बड़ा संदेश दिया है। ये ऐलान ऐसे वक्त में हुआ है, जब अयोध्या में रामजन्मभूमि पर रामलला का मंदिर बनकर तैयार हो गया और बीते माह एक भव्य आयोजन में उसकी प्राण प्रतिष्ठा हुई।
अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी का क्या योगदान रहा, इसकी जिक्र करने की जरूरत नहीं है। इसलिए इस फैसले पर विपक्ष की भी प्रतिक्रिया कमोबेश ठीक रही। हालांकि, कुछ विपक्षी नेताओं ने आडवाणी को नेपथ्य में पहुंचाने का आरोप लगाकर पीएम मोदी पर तंज भी कसा है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित और जयराम रमेश के बयान इसके उदाहरण हैं। कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रमेश ने मोदी को लेकर आडवाणी के पुराने बयानों का जिक्र कर उन पर कटाक्ष किया है।
आडवाणी ने मोदी को इवेंट मैनेजर बताया था, रमेश का दावा
इन दिनों राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो न्याय यात्रा में चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एलके आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘2014 के लोकसभा चुनाव से पहले गांधीनगर में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी उनके शिष्य नहीं बल्कि एक शानदार इवेंट मैनेजर हैं। मैं इन शब्दों का प्रयोग नहीं कर रहा हूं। उनके बारे में ये शब्द आडवाणी ने इस्तेमाल किए थे। रमेश ने कहा कि आडवाणी और मोदी को जब मैं देखता हूं तो मुझे ये दो चीजें याद आती हैं’।
‘2002 में आडवाणी ने ही नरेंद्र मोदी को बचाया था’
जयराम रमेश ने साल 2002 के गोधरा दंगे के बाद उपजे सियासी हालात का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लालकृष्ण आडवाणी ने ही बचाया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें राजधर्म का पाठ याद पठाया था और उन्हें सीएम पद से हटाना चाहते थे। हालांकि, केवल एक व्यक्ति ने उन्हें बचाया और वह गोवा में उस दौरान बीजेपी की बैठक में शामिल थे। रमेश का इशारा तत्कालीन उपप्रधानमंत्री एलके आडवाणी की ओर था।
बता दें कि गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे अधिक आलोचकों के निशाने पर रहे हैं। तत्कालीन वाजपेयी के ‘राजधर्म’ वाले बयान का जिक्र कर विपक्ष उन पर हमलावर रहा है। पीएम मोदी पर ये भी आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने केंद्र में आने के बाद बीजेपी के बड़े नेताओं को किनारे लगा दिया। ऐसे में आडवाणी को भारत रत्न देकर उन्होंने आलोचकों का मुंह बंद कराने की कोशिश की है। पिछले कार्यकाल में दिगवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने का ऐलान हुआ था।