S.Jaishankar: राहुल के पिटाई वाले बयान पर जयशंकर का पलटवार,सेना का सम्मान और सराहना करने की नसीहत

S.Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज लोकसभा में इस मुद्दे पर बयान देते हुए राहुल गांधी की ओर से पिटाई शब्द का उपयोग किए जाने पर पलटवार किया।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-12-19 12:46 GMT

S.Jaishankar (Social Media) 

S.Jaishankar: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेनाओं की शरारत के बाद इस मुद्दे पर देश में खूब सियासत और बयानबाजी हो रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से भारतीय सेना के जवानों की पिटाई वाले बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज लोकसभा में इस मुद्दे पर बयान देते हुए राहुल गांधी की ओर से पिटाई शब्द का उपयोग किए जाने पर पलटवार किया।

उन्होंने कहा कि भारतीय जवान कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे हुए हैं और ऐसे में हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। हमारे जवानों के लिए पिटाई जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

वे सम्मान और सराहना के हकदार हैं और हम सभी को उनके प्रति ऐसी ही भावना रखनी चाहिए। इस बीच भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच तवांग में हुई झड़प के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेनाओं की शरारत के बाद इस मुद्दे पर देश में खूब सियासत और बयानबाजी हो रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से भारतीय सेना के जवानों की पिटाई वाले बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज लोकसभा में इस मुद्दे पर बयान देते हुए राहुल गांधी की ओर से पिटाई शब्द का उपयोग किए जाने पर पलटवार किया।

उन्होंने कहा कि भारतीय जवान कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे हुए हैं और ऐसे में हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। हमारे जवानों के लिए पिटाई जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

वे सम्मान और सराहना के हकदार हैं और हम सभी को उनके प्रति ऐसी ही भावना रखनी चाहिए। इस बीच भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच तवांग में हुई झड़प के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ।

पिटाई शब्द के इस्तेमाल पर जताई आपत्ति

राहुल गांधी ने हाल में तवांग में 9 दिसंबर को हुई झड़प के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था। अब राहुल गांधी के बयान को लेकर खासा विवाद पैदा हो गया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने आज इस मुद्दे पर लोकसभा में बयान देते हुए राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में जुटे जवान कठिन हालात में जिंदगी जी रहे हैं।

अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से में भारतीय जवान 13,000 फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर कठिन परिस्थितियों में भारतीय सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय जवानों का सम्मान और सराहना की जानी चाहिए। भारतीय जवानों के लिए पिटाई जैसे शब्दों का प्रयोग उचित नहीं है। हमारे बहादुर जवान इस प्रकार की भाषा के हकदार नहीं हैं।

केंद्र पर उदासीनता का आरोप गलत

विदेश मंत्री ने कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है,लेकिन हमें इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि हम अपने जवानों का अपमान ना करें। विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय जवानों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने राहुल गांधी की ओर से केंद्र सरकार पर लगाए गए उदासीनता के आरोप का भी जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार चीन को लेकर तनिक भी उदासीन नहीं है और अगर हम उदासीन होते तो भारतीय सैनिकों की तैनाती क्यों की जाती। केंद्र सरकार की ओर से अगर उदासीनता बरती जाती तो हम डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के मुद्दे पर बात क्यों करते।

उन्होंने कहा कि हमारी राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है, राजनीतिक विरोध भी किया जा सकता है मगर जवानों का अपमान नहीं किया जाना चाहिए।

राहुल गांधी के इस बयान पर विवाद

राहुल गांधी ने हाल में मीडिया से बातचीत के दौरान भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद पर विस्तार से चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि चीन की ओर से लगातार आक्रामक नीति अपनाई जा रही है जबकि देश की सरकार सोई हुई है।

चीन के मुद्दे पर सरकार की ओर से लगातार उदासीनता का रुख अपनाया जा रहा है। हालत यह हो गई है कि चीन ने आक्रामकता दिखाते हुए हमारी दो हजार स्क्वायर किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और हमारे जवानों की पिटाई की जा रही है।

उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर पर भी हमला बोला था। राहुल का कहना था कि विदेश मंत्री केवल टिप्पणियां करने में जुटे रहते हैं जबकि उन्हें अपनी समझ को और गहरा बनाने की जरूरत है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर चीन से बड़े खतरे की बात को छिपाने का आरोप भी लगाया था। राहुल का कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से चीन से पैदा हुए खतरे को नजरअंदाज किया जा रहा है मगर इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।

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