तबलीगी के बाद अब इस जमात का संकट, कई पॉजिटिव केस से हड़कंप

तबलीगी जमात के बाद एक और जमात ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर संकट खड़ा कर दिया है। तुर्कमान गेट की जमात-ए-शूरा के करीब 11 सदस्यों के गुजरात पहुंचने की जानकारी मिली है।

Update: 2020-04-11 03:20 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। तबलीगी जमात के बाद एक और जमात ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर संकट खड़ा कर दिया है। तुर्कमान गेट की जमात-ए-शूरा के करीब 11 सदस्यों के गुजरात पहुंचने की जानकारी मिली है। इनमें से चार लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया है।सरकार और प्रशासन दोनों चौकन्ना हो गए हैं। अब ऐसे लोगों पर निगाह रखी जा रही है ताकि कोरोना का संक्रमण ज्यादा न फैल सके।

अभी तक तबलीगी जमात को कोरोना वायरस का सबसे बड़ा कैरियर माना जा रहा है। जमात के जलसे के जरिए देश के विभिन्न राज्यों तक कोरोना के वायरस का संक्रमण फैला है। ऐसे लोगों की संख्या सैकड़ों में है जो जमात के जलसे की वजह से इस वायरस का शिकार हो गए।

जमात-ए-शूरा के 11 सदस्य पहुंचे गुजरात

जमात-ए-शूरा के करीब 11 सदस्यों के गुजरात पहुंचने की जानकारी आने के बाद गुजरात सरकार सतर्क हो गई है। गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने बताया कि शूरा के 1095 लोग गुजरात आए हैं। उन्होंने बताया कि भरूच में शूरा-ए-जमात के मरकज से आए चार लोगों के टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं। इन चार लोगों के कोरोना से संक्रमिक पाए जाने के बाद राज्य में विशेष तौर पर सतर्कता बरती जा रही है।

तमिलनाडु से पहुंचे थे भरूच

शूरा-ए-जमात के जो 4 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, उनके बारे में जानकारी मिली है कि ये सभी तमिलनाडु से ट्रेन के जरिए अंकलेश्वर पहुंचे और फिर वहां से बस के जरिए भरूच पहुंचे थे। जांच पड़ताल में पुलिस को यह भी पता चला है कि ये लोग 12 से 17 मार्च तक मस्जिद में ठहरे थे तथा बाद में पास के गांव की एक मस्जिद में चले गए थे।

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मस्जिद के आसपास के गांव सील

सूत्रों ने बताया कि इन लोगों के अखर गांव की मस्जिद में जाने की जानकारी मिलने के बाद आसपास के सात किलोमीटर के एरिया में आने वाले गांवों को 23 अप्रैल तक के लिए पूरी तरह सील कर दिया गया है। सरकार और प्रशासन की कोशिश है कि अन्य लोग इस वायरस का शिकार ना होने पाएं।

जानिए आखिर क्या है जमात-ए- शूरा

कोरोना वायरस के संक्रमण के जरिए लाइमलाइट में आने वाली तबलीगी जमात के बारे में पहले काफी लोगों को जानकारी नहीं थी। वैसे ही जमात-ए-शूरा के बारे में भी काफी लोग नहीं जानते।दरअसल तबलीगी जमात के ग्लोबल हेड क्वार्टर निजामुद्दीन मरकज के अमीर मौलाना जुबेर के निधन के बाद मौलाना साद मरकज के अमीर यानी मुखिया बन बैठे। मौलाना साद के अमीर बन जाने के बाद मौलाना जुबेर के पुत्र जुवेरुल हसन ने तुर्कमान गेट पर मौलाना इब्राहिम के साथ मिलकर जमात-ए-शूरा का संचालन शुरू कर दिया।

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मिल सकती है मरकज की कमान

मौलाना साद और जुवेरुल हसन के बीच मरकज पर कब्जे को लेकर भारी तनातनी चल रही है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस फैलाने के मामले में मौलाना साद के कानूनी शिकंजे में फंसने के बाद मरकज की कमान भी जमात-ए-शूरा के हाथ में आ सकती है।

तबलीगी जमात के लोगों पर विशेष नजर

पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज से गुजरात पहुंचे 127 लोगों की पहचान पहले ही की जा चुकी है। बाद में तीन और लोगों की पहचान की गई है। इस तरह राज्य में मरकज से पहुंचे 130 लोगों पर खास नजर रखी जा रही है। इन सभी लोगों को क्वारंटाइन कर सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह चौकन्ना हैं ताकि राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण में बढ़ोतरी ना हो सके।

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