Jammu Kashmir News: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को मिली दिल्ली के एलजी जैसी पावर
Jammu Kashmir News: केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों के बाद राज्य के लगभग सभी क्षेत्रों में उपराज्यपाल को अधिकार मिल जाएंगे, जिसमें वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता होती है।
Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने आज यानी शनिवार को एक बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन करके उपराज्यपाल की पावर में बढ़ोतरी कर दी है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को अब दिल्ली के उपराज्यपाल जैसी शक्तियां दी गई हैं। अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल दिल्ली के एलजी की तरह अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग जैसे फैसले कर पाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों के बाद राज्य के लगभग सभी क्षेत्रों में उपराज्यपाल को अधिकार मिल जाएंगे, जिसमें वित्त विभाग की पूर्व सहमति की आवश्यकता होती है। केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 में संशोधन किया है। इसके नए नियमों को अधिसूचित किया गया है। इसमें उपराज्यपाल को अधिक शक्ति प्रदान करने वाले नियम जोड़े गए हैं।
नए संसोधन के बाद जोड़े गए ये नियम
42A- कोई भी प्रस्ताव जिसके लिए अधिनियम के तहत पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति जरूरी है, तब तक स्वीकृत या अस्वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक कि इसे मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता है।
42B- अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।
उमर अब्दुल्ला ने साधा निशाना
केंद्र सरकार के इस फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण, अविभाजित राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता इन चुनावों के लिए एक शर्त है। जम्मू-कश्मीर के लोग शक्तिहीन, रबर स्टैम्प सीएम से बेहतर के हकदार हैं, जिन्हें अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए एलजी से भीख मांगनी पड़ेगी।