Jammu and Kashmir: पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद समेत कई सीनियर नेताओं की कांग्रेस में आज हुई घर वापसी
Jammu and Kashmir: ताराचंद के अलावा गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के करीब 17 नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है। इसे गुलाम नबी आजाद के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने वाले कई दिग्गज नेताओं की शुक्रवार को घर वापसी हुई है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कश्मीर पहुंचने से पहले पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद समेत एक दर्जन से अधिक नेता आज कांग्रेस में पुनः शामिल हुए। मिली जानकारी के मुताबिक, ताराचंद के अलावा गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के करीब 17 नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है। इसे गुलाम नबी आजाद के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
कांग्रेस में वापसी करने वालों में पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पीरजादा मोहम्मद बड़े नाम हैं। मोहम्मद तीन बार मंत्री पद पर भी रह चुके हैं। इनके अलावा पूर्व मंत्री मनोहर लाल शर्मा, पूर्व विधायक बलवान सिंह, मोहम्मद मुजफ्फर पर्रे, मोहिंदर भारद्वाज, भूषण डोगरा, विनोद शर्मा, नरिंदर शर्मा, नरेश शर्मा, अंबरीश मगोत्रा, सुभाष भगत संतोष मन्हास, बद्री नाथ शर्मा, वरुण मगोत्रा, अनुराधा शर्मा, विजय तारगोत्रा और चंदर प्रभा शर्मा शामिल हैं।
सभी नेताओं को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा, भारत जोड़ो यात्रा से पहले जम्मू-कश्मीर के दिग्गज नेता कांग्रेस में शामिल हुए।
इस मौके पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधते हुए कहा कि आने वाले दिनों में डीएपी के कई और नेता कांग्रेस में शामिल होंगे।
बता दें कि पिछले साल वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देते हुए जम्मू कश्मीर कांग्रेस में इस्तीफों की झड़ी लग गई थी। ताराचंद समेत जम्मू रीजन के कई सीनियर नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। लेकिन ये नेता आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) में ज्यादा दिन टिक नहीं पाए। गुलाम नबी आजाद ने दिसंबर में ताराचंद समेत अन्य नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर निष्कासित कर दिया था। जिसके बाद से ही इन नेताओं के कांग्रेस में वापसी के आसार बनने लगे थे।