Jammu & Kashmir: खौफ में जी रहे जम्मू के दो गांव, शाम होते ही पसर जाता है सन्नाटा, घरों में दुबक जाते हैं लोग
Jammu & Kashmir: अपने ही इलाके में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं फलियाना और डांगरी हिंदू बहुल गांव के लोग। हर पल उन्हें किसी अनहोनी का डर सताते रहता है।
Jammu & Kashmir: जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। सुरक्षा एजेंसियों और ग्राउंड पर मौजूद सुरक्षाबलों के तमाम कवायदों के बावजूद आतंकियों के गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के निशाने पर यहां रह रहे हिंदू और प्रवासी शामिल हैं। पुलवामा में टारेगट किलिंग में मारे गए कश्मीरी पंडित संजय शर्मा इसके ताजा उदाहरण हैं। राजौरी जिले के दो गांव फलियाना और डांगरी पिछले दो-ढ़ाई महीनों से खौफ में जी रहे हैं।
दहशतगर्दों ने इन गांवों में ऐसी खून की होली खेली कि इन्हें अब अपने घरों से निकलने में भी डर लग रहा है। अलग-अलग घटनाओं में आतंकवादियों ने यहां के 9 लोगों की जान ले ली थी, तब से दोनों गांवों में दहशत का माहौल है। फलियाना और डांगरी हिंदू बहुल गांव हैं और आज यहां के लोग अपने ही इलाके में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हर पल उन्हें किसी अनहोनी का डर सताते रहता है।
दो आतंकी घटनाओं ने पैदा कर दी दहशत
15 दिनों के अंतराल पर हुई दो आतंकी घटनाओं ने फलियाना और डांगरी गांव के लोगों में दहशत पैदा कर दिया है। पहली घटना 16 दिसंबर 2022 की है, राजौरी शहर के पास मुरादपुर में सेना शिविर के अंदर कैंटीन चलाने वाले कमल कुमार और उनके सहयोगी सुरिंदर कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों फलियाना गांव के रहने वाले थे। इस दौरान उत्तराखंड का रहने वाला एक शख्स अनिल कुमार भी गोली की चपेट में आकर घायल हो गया था।
15 दिन बाद यानी 1 जनवरी 2023 को डांगरी गांव में दो आतंकवादियों ने सात लोगों को गोलियों से भून डाला। इस आतंकी हमले में बच्चों सहित 15 लोग घायल भी हुए थे। आतंकी हमले को अंजाम देने के बाद मौके से फरार होने में कामयाब रहे। इन दोनों हमलों के काफी समय बीत जाने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली हैं। अभी तक कोई हमलावर उनके गिरफ्त में नहीं आया है। लिहाजा इन दोनों गांव के लोगों के अंदर भविष्य में ऐसे हमले के दोबारा होने का डर घर कर गया है।
शाम होते ही पसर जाता है सन्नाटा, घरों में दुबक जाते हैं लोग
गांव के लोगों के अंदर दहशत का ये आलम है कि शाम होते ही दुकानों के शटर गिरने लगते हैं। बाजार में डरावना सन्नाटा पसर जाता है। अंधेरे से पहले लोगों के बीच घरों में दुबकने की आपाधापी रहती है। शाम साढ़े 7 बजे तक लोग अपनी घरों की लाइट तक बंद कर लेते हैं। इस दौरान केवल पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ जवानों की गाड़ियों की आवाज और आवारा कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनाई देती हैं।
अवंतीपोरा में सेना और आतंकवादियों के बीच मुढभेड़
लोगों के बीच पनपे इस खौफ के बीच जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों और सेना के बीच मुठभेड़ का सिलसिला जारी है। मंगलवार सुबह अंवतीपोरा के पडगामपोरा में सेना के जवानों ने मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराया है। इलाके में और आतंकियों के छिपे होने की खबर है। लिहाजा ऑपरेशन जारी है। इस कार्रवाई में सेना के दो जवान भी घायल हुए हैं। हालांकि, वो खतरे से बाहर हैं। उनका इलाज सैन्य अस्पताल में चल रहा है।