जेट के कर्मचारियों ने किंगफिशर जैसे हश्र से बचने के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की

किंगफिशर ने अक्टूबर 2012 में अस्थायी तौर पर परिचालन बंद किया था इसके बाद वह कभी उड़ान नहीं भर सकी।जेट एयरवेज ऑफिसर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष किरण पावस्कर ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज में हुई एक के बाद एक घटनाओं के पीछे कहीं से कुछ न कुछ " इरादे " दिखाई देते हैं। उन्होंने इस मामले की जांच करने की मांग की है।

Update:2019-04-18 22:22 IST

मुंबई: परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज के कर्मचारियों और अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को जेट एयरवेज का किंगफिशर जैसा हश्र होने से रोकने के लिए सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

किंगफिशर ने अक्टूबर 2012 में अस्थायी तौर पर परिचालन बंद किया था इसके बाद वह कभी उड़ान नहीं भर सकी।जेट एयरवेज ऑफिसर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष किरण पावस्कर ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज में हुई एक के बाद एक घटनाओं के पीछे कहीं से कुछ न कुछ " इरादे " दिखाई देते हैं। उन्होंने इस मामले की जांच करने की मांग की है।

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पावस्कर ने कहा , " कर्मचारियों के लिए स्थिति बहुत खराब है। आज 16,000 कर्मचारियों के पास काम नहीं है। मैंने प्रबंधन से जल्द से जल्द परिचालन फिर से शुरू करने का प्रयास करने के लिए कहा है। "

एनसीपी सांसद पावस्कर ने कहा कि एयरलाइन से सेवाएं निलंबित करने से पहले कर्मचारियों का बकाया क्यों नहीं चुकाया।

जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने बुधवार को कहा था कि एयरलाइन के पास बिक्री की प्रक्रिया के दौरान अपने कर्मचारियों के भविष्य को लेकर फिलहाल कोई " जवाब " नहीं है।

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पावस्कर ने कहा , " कर्मचारी काम करने के लिए तैयार है। सभी कर्मचारी अपने काम में विशेषज्ञ हैं क्योंकि वह 25 साल से काम कर रहे हैं। हम कहीं भाग नहीं रहे हैं। हम यहीं रहेंगे। "

(भाषा)

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