झारखंड ही मेरी पहचान और मेरा पता, एक साल पूरे होने पर सीएम ने गिनाई उपलब्धियां

रांची में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, वो राज्य के सभी दिव्यांगों, वृद्धों और ग़रीबों को पेंशन देना चाहते हैं लेकिन आर्थिक स्थिति इसकी इजाज़त नहीं देती है।

Update:2020-12-29 17:59 IST
झारखंड ही मेरी पहचान और मेरा पता, एक साल पूरे होने पर सीएम ने गिनाई उपलब्धियां (PC: social media)

रांची: 29 दिसंबर को झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का एक साल पूरा हो गया है। रांची में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि, झारखंड ही मेरी सबसे बड़ी पहचान और पता है। जनता के आशीर्वाद से राज्य की बागडोर मिली है। पूर्व की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि, उन्हे राज्य का ख़ज़ाना खाली दिया गया है। सरकार के पास सिर्फ उसकी चाबी है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि, अलग राज्य बनने के बाद झारखंड का बजट सरपलस था। आज झारखंड पिछले राज्यों में शुमार है। राज्य को इस स्थिति से उबारने के लिए वर्तमान सरकार प्रतिबद्ध है।

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केंद्र पर निर्भरता होगी खत्म

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रांची में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, वो राज्य के सभी दिव्यांगों, वृद्धों और ग़रीबों को पेंशन देना चाहते हैं लेकिन आर्थिक स्थिति इसकी इजाज़त नहीं देती है। लिहाज़ा, वर्तमान सरकार अपने संसाधनों से जो कुछ कर सकती है वो की जा रही है। उन्होने कहा कि, आने वाले 05 वर्षों में झारखंड को ऐसा बनाना है जिससे राज्य को किसी के आगे भीख नहीं मांगनी पड़े। चाहे केंद्र सरकार हो या फिर वर्ल्ड बैंक हमें किसी के आगे हाथ फैलाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

कोरोना काल में झारखंड की प्रशंसा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, कोरोना वायरस के आगे बड़े-बड़े देश बेबस हो गए। भारत में भी राज्यों की स्थिति दयनीय हो गई। हालांकि, झारखंड की नई सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बलबूते बेहतर काम किया। इसकी पूरे देश में प्रशंसा भी हुई। कोरोना से मौत के मामले हों या फिर रिकवरी रेट की बात हो झारखंड ने सबके सामने एक मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, आज भी कोरोना मरीजों के मामले में झारखंड काफी पीछे है। हमने अपने सरकारी अस्पतालों के भरोसे ही इस जंग को जीता है।

मनरेगा मज़दूरी बढ़ेगी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, कोरोना काल में बाहर से लाखों मज़दूरों को झारखंड लाया गया। लिहाज़ा, उनके खाने-पीने से लेकर उनके रोज़ी-रोज़गार का इंतज़ाम करना एक बड़ी चुनौती है। मनरेगा में मज़दूरी कम मिलने की वजह से लोगों का आकर्षण इसमें कम है। लिहाज़ा, राज्य सरकार ने तय किया है कि, मनरेगा मज़दूरी की दर 194 रुपए से बढ़ाकर 225 रुपए किया जाएगा। आने वाले दिनों में इसे 300 रुपए तक ले जाया जाएगा।

आरपीएन सिंह ने की प्रशंसा

सरकार के एक साल पूरे होने पर बतौर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने झारखंड सरकार के कामकाज की सराहना की। मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि, मैनिफेस्टो पर जनता से जो वादे किए गए थे उसे पूरा किया जा रहा है। कोरोना काल में प्रवासी मज़दूरों को हवाई जहाज़ और ट्रेन से वापस लाकर सरकार ने बेहतर उदाहरण पेश किया है। महामारी के दौर में घर-घर तक राशन पहुंचाई गई है। किसानों को देश की रीढ़ बताने वाले पूर्व गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि, कांग्रेस ने राज्य के किसानों से कर्जमाफी का अपना वादा पूरा कर दिया है। सरना कोड को लेकर विशेष सत्र बुलाने के लिए उन्हे राज्य सरकार को बधाई दी है।

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योजनाओं का उद्धाटन, शिलान्यास

सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में 59 नई योजनाओं का शिलान्यास किया गया। 10 नई योजनाओं का शुभारंभ किया गया। राज्य में पूर्ण हो चुके 171 योजनाओं का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही 962 करोड़ से अधिक की परिसंपत्ति का वितरण किया गया।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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