Child Marriage: देश में सबसे ज्यादा बाल विवाह झारखंड में, पश्चिम बंगाल में भी यही हाल

Child Marriage: गृह मंत्रालय के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा कराये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार झारखंड में बालिकाओं का वयस्क होने से पहले विवाह करने का प्रतिशत सबसे ज्यादा 5.8 है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2022-10-08 17:42 IST

Child Marriage (social media)

Child Marriage: जादू टोना हत्याओं के लिए बदनाम झारखंड में कम उम्र की लड़कियों की शादी का प्रतिशत सबसे अधिक है। गृह मंत्रालय के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा कराये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार झारखंड में बालिकाओं का वयस्क होने से पहले विवाह करने का प्रतिशत 5.8 है। ये भारत में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर 18 साल की उम्र से पहले प्रभावी ढंग से शादी करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 1.9 है और केरल में 0.0 से लेकर झारखंड में 5.8 तक है।

झारखंड में, बाल विवाह में ग्रामीण क्षेत्रों में 7.3 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत विवाह हुआ। नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) सांख्यिकीय रिपोर्ट में दुनिया के सबसे बड़े जनसांख्यिकीय सर्वेक्षणों में से एक के माध्यम से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर विभिन्न जनसांख्यिकीय, प्रजनन क्षमता और मृत्यु दर के अनुमान शामिल हैं, जिसमें लगभग 8.4 मिलियन नमूना आबादी शामिल है। सर्वेक्षण 2020 में किया गया था और रिपोर्ट पिछले महीने के अंत में प्रकाशित हुई थी।

पश्चिम बंगाल में भी यही हाल

झारखंड और पश्चिम बंगाल देश के दो ऐसे राज्य हैं जहां आधी से ज्यादा महिलाओं की शादी 21 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में जहां 54.9 फीसदी लड़कियों की शादी 21 साल की उम्र से पहले हो जाती है, वहीं झारखंड में यह आंकड़ा 54.6 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 29.5 फीसदी है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के ताजा आंकड़े भी साल 2011 की जनगणना के आंकड़ों की दशा बता रहे हैं। सर्वेक्षण के अनुसार देश में 20 से 24 साल की उम्र की 23.3 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनका बाल विवाह हुआ है। वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। एनसीआरबी के अनुसार प्रदेश में साल 2019 में तीन, साल 2020 में तीन और साल 2021 में चार मामले ही बाल विवाह के दर्ज किए गए। इससे स्पष्ट है कि बाल विवाह के मामलों की पुलिस में शिकायत ही नहीं की जा रही है। लोग इस सामाजिक बुराई के प्रति आंखें मूंदकर बैठे हैं।

झारखंड में जादू टोना भी ज्यादा

इस बीच, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2015 में झारखंड में जादू टोना करने के आरोप में 32 लोग, 2016 में 27, 2017 में 19, 2018 में 18 और 2019 और 2020 में 15-15 लोग मारे गए थे। झारखंड हाल ही में उस समय सुर्खियों में आया था जब एक नाबालिग लड़की को एक व्यक्ति की हरकतों का विरोध करने पर आग लगा दी गई थी। मुख्य आरोपी ने 23 अगस्त को सोते समय लड़की के कमरे की खिड़की के बाहर से उस पर पेट्रोल डाला और आग लगा दी और चार दिन बाद किशोरी ने दम तोड़ दिया।

आरोपी और जिस व्यक्ति ने उसे पेट्रोल की आपूर्ति की थी, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एक अन्य 14 वर्षीय आदिवासी लड़की, जिसका कथित तौर पर शादी के बहाने एक व्यक्ति द्वारा यौन शोषण किया गया था, 2 सितंबर को दुमका में एक पेड़ से लटकी मिली थी। उसकी मां ने दावा किया था कि उसके साथ बलात्कार किया गया और उसे मार डाला गया। दोनों घटनाओं की जांच राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा की जा रही है।

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