JNU: जेएनयू प्रशासन के नए फरमान पर बवाल, धरना देने पर लगेगा भारी जुर्माना, ABVP ने किया विरोध
JNU News: जेएनयू प्रशासन ने कैंपस में होने वाले विरोध एवं धरना प्रदर्शन पर नकेल कसने के लिए बेहद सख्त नियम की घोषणा की है।
JNU News: देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) अक्सर खबरों में बना रहता है। अधिकांश समय ये विवादों के कारण सुर्खियों में बना रहता है। कभी कैंपस में लेफ्ट बनाम राइट छात्र संगठनों के बीच भिड़ंत तो कभी यूनिवर्सिटी प्रशासन के किसी फरमान को लेकर विवाद होते रहते हैं। एकबार फिर ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है।
जेएनयू प्रशासन ने कैंपस में होने वाले विरोध एवं धरना प्रदर्शन पर नकेल कसने के लिए बेहद सख्त नियम की घोषणा की है। छात्रों तक जैसे ही इसकी जानकारी पहुंची बवाल हो गया। नए नियम के मुताबिक, कैंपस में धरना देने पर छात्रों पर 20 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा अगर कोई देशविरोधी नारेबाजी करते हुए पाया गया तो उस पर 10 हजार रूपये का जुर्माना लगेगा।
दरअसल, जेएनयू प्रशासन का कहना है कि पिछले कुछ समय से कुछ छात्र एवं संगठन कैंपस का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति करने के लिए कर रहे हैं। हर छोटे-बड़े किसी भी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया जाता है, जिससे कैंपस का माहौल खराब होता है। इस दौरान राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करने से देश में यूनिवर्सिटी की छवि भी प्रभावित होती है।
ABVP ने नए फरमान का किया विरोध
जेएनयू प्रशासन के ताजा आदेश के बाद विश्वविद्यालय के जरूरतमंद छात्र भी अपने मुद्दों को नहीं उठा सकेंगे। इसलिए इसका विरोध शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने ही सबसे पहले इसके खिलाफ मोर्चा खोला है। एबीवीपी के मीडिया इंचार्ज अंबुज तिवारी ने कहा कि यह नया तुगलकी फरमान पहले भी आ चुका है जिसके खिलाफ हम लोगों ने काफी प्रदर्शन किया था और उसे बाद में वापस ले लिया गया था।
आज फिर से कोई फरमान आया है जिसमें छात्रों के प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। यह सरासर गलत है क्योंकि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करे। जेएनयू प्रशासन हमसे हमारा संवैधानिक हक न छीने। हालांकि, एबीवीपी ने उस नियम का समर्थन किया है, जिसके तहत राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करने पर 10 हजार का जुर्माना लगाने की बात कही गई है।
बता दें कि इससे पहले इसी साल मार्च में जेएनयू प्रशासन की ओर से एक ऐसी ही फरमान जारी किया गया था। जिसमें कैंपस में धरना देने वाले छात्रों पर 20 हजार रूपये का जुर्माना और हिंसा करने पर दाखिला रद्द करने की बात कही गई थी। एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों के विरोध के बावजूद जेएनयू प्रशासन ने इस आदेश को वापस ले लिया था।