JNU हिंसा: राष्ट्रपति भवन जा रहे प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया

जेएनयू में हिंसा के खिलाफ छात्रों ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने बीच में ही इन्हें रोक दिया। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई भी हुई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों की मांग है कि जेएनयू के वीसी को पद से हटाया जाए।

Update:2020-01-09 12:33 IST

नई दिल्ली: जेएनयू में हिंसा के खिलाफ छात्रों ने गुरुवार शाम राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने बीच में ही इन्हें रोक दिया। इस दौरान दोनों के बीच हाथापाई भी हुई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया। छात्रों की मांग है कि जेएनयू के वीसी को पद से हटाया जाए।

अपनी मांग को लेकर प्रदर्शनकारी छात्र राष्ट्रपति भवन की तरफ जा रहे थे जिन्हें आंबेडकर भवन के पास पुलिस ने हिरासत में लिया है। लेकिन बाद पुलिस ने छात्रों को रिहा कर दिया। उधर, एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों और जेएनयू प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठक समाप्त हो गई है। बैठक के बाद जेनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि जब तक कुलपति एम जगदीश कुमार को नहीं हटाया जाता किसी भी तरह की बात नहीं होगी और मंत्रालय बात करना चाहता है तो यूनिवर्सिटी कैम्पस आए।

जेएनयूएसयू ने ट्वीट कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। जेएनयूएसयू ने कहा कि शाम के 6 बजे के बाद का वक्त है। क्या पुलिस बता सकती है कि कुछ महिला प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से सूर्यास्त के बाद बिना किसी महिला अधिकारी की मौजूदगी के क्यों उठाया गया?



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5 जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा हुई थी। कुछ नकाबपोश गुंडों ने छात्रों की पिटाई की थी। इसके विरोध में देशभर में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को राजधानी दिल्ली में छात्रों के साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने मार्च निकाला। यह मार्च मंडी हाउस से एचआरडी मंत्रालय की तरफ निकाला गया जिन्हें शास्त्री भवन के पास रोक दिया गया। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई। इस प्रदर्शन में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात, सीपीआई महासचिव डी राजा और लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव भी शामिल हुए।

हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने मंडी हाउस से जुलूस निकाला। तख्तियों पर सीएए नहीं, एनआरसी नहीं', विश्वविद्यालय परिसर में घुसने पर एबीवीपी पर प्रतिबंध लगाओ, हिंसा त्याग करो, शिक्षा खरीदने बेचने की चीज नहीं है के नारे लिखे हुए थे। इस प्रदर्शन के बीच पुलिस जेएनयू छात्रों व सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को एचआरडी के अधिकारियों से मिलाने ले गई, जो बैठक अब समाप्त हो गई है।

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मंडी हाउस में जुलूस में शामिल बृंदा करात ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है और यह वो लोग स्वीकार नहीं करना चाहते। वे फर्जी कहानियां बुन रहे हैं कि विरोध का छात्रों से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि यह राजनीतिक है। येचुरी ने कहा कि तीन घंटे तक नकाबपोशों ने विश्वविद्यालय के छात्रों को पीटा। वे परिसर में घुसे तब पुलिस मुख्य द्वार पर मौजूद थी।

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जेएनयू हिंसा प्रायोजित गुंडागर्दी है: जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि जेएनयू हिंसा आधिकारिक प्रायोजित गुंडागर्दी है। उन्होंने कहा कि 72 घंटे हो चुके हैं, यह घटना अचानक हुई, लेकिन योजनाबद्ध थी। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि इस घटना के पीछे कौन है। उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे MHRD और गृह मंत्री का हाथ है, यह आधिकारिक प्रायोजित गुंडागर्दी है।



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