Joshimath Sinking: जोशीमठ मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार, याचिकाकर्ता को दी ये सलाह
Joshimath Sinking: जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसपर आज यानी सोमवार 16 जनवरी को सुनवाई होगी।
Joshimath Sinking: जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग से जुड़ी याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवीई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के मामले में याचिकाकर्ता चाहें तो उत्तराखंड हाईकोर्ट जा सकते हैं।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पिछले दिनों जोशीमठ संकट को लेकर शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर किया था। याचिका में जोशीमठ में हो रही भू – धंसाव की घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई है। साथ ही यह भी अनुरोध किया गया है कि प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और उचित मुआवजा दिया जाए।
10 जनवरी को अर्जेंट हियरिंग की अपील हुई थी खारिज
10 जनवरी को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट से अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी। जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, पीएस नरसिंह और जेपी पारदीवाला की पीठ ने कहा था कि देश में स्थिति से निपटने के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई संस्थाएं हैं। हर केस की जल्द सुनवाई नहीं हो सकती है। कोर्ट ने 16 जनवरी याचिका सुनवाई के लिए सुचीबद्ध की थी।
जोशीमठ में दो और होटल झुके
इधर, जोशीमठ में संकट गहराता जा रहा है। यहां के दो और होटल एक-दूसरे की तरफ झुक गए हैं। इनका नाम स्नो क्रेस्ट और कॉमेट है। दोनों होटलों के बीच शुरू में चार फीट की दूरी थी, जो अब घटकर मात्र कुछ इंच रह गई है। ये होटल कभी भी एक दूसरे से टकरा सकते हैं। लिहाजा दोनों होटलों को खाली करवा लिया गया है।