BJP President JP Nadda: जानें कैसे बने, नड्डा भाजपा के अध्यक्ष
BJP President JP Nadda: सूत्रों की मानें तो जब भाजपा के संदेशवाहक ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से इस बाबत संपर्क किया तो संघ की ओर से साफ़ कह दिया गया कि दोनों पद पिछड़ों के बीच ही नहीं हो सकते। क्योंकि 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ना है।
BJP President JP Nadda: हिमाचल प्रदेश की करारी शिकस्त के बाद इस बात के क़यास लगाये जा रहे थे कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा की छुट्टी हो जायेगी। यही नहीं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पार्टी अध्यक्ष सी आर पाटिल की संसदीय बोर्ड की बैठक में तारीफ़ की तब भी नड्डा के हटने की अटकलों को हवा मिली। भाजपा हाई कमान ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जिन नामों पर विचार किया था। उसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम भी रेस में तेज़ी से चला था।
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सूत्रों की मानें तो जब भाजपा के संदेशवाहक ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से इस बाबत संपर्क किया तो संघ की ओर से साफ़ कह दिया गया कि दोनों पद पिछड़ों के बीच ही नहीं हो सकते। क्योंकि 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ना है। हालाँकि इस चुनाव में मोदी की अगुवाई में जीत की उम्मीद पिछले चुनावों से कम नहीं है। फिर भी संघ कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं था। संघ के इसी स्टैंड ने जे पी नड्डा के दोबारा अध्यक्ष बनने का मार्ग प्रशस्त किया। इसी के साथ नड्डा की पृष्ठभूमि संघ की है। भाजपा के दोनों बड़े नेताओं से भी उनके रिश्ते ठीक है। विवादों से दूर बने रहने के नड्डा के हुनर ने भी इस बार उनकी खासी मदद की। पर नड्डा हिमाचल के अगडे तबके से आते हैं। वह ब्राह्मण हैं।
गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम के चुनाव नड्डा के नेतृत्व में लड़ें गये। गुजरात में पार्टी ने अब तक का सबसे बड़ा आँकड़ा खड़ा किया। जबकि उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी दल ने लगातार दूसरी बार सत्ता में क़ाबिज़ होने का रिकार्ड बना कर दिखाया।
2014 के लोकसभा चुनाव में जेपी नड्डा ने भाजपा मुख्यालय से पूरे देश में पार्टी की चुनाव कैंपेनिंग की मॉनिटरिंग की थी। उस वक्त उनका काम अभियान में जुटी विभिन्न समितियों से लेकर नेताओं की रैलियों आदि के समन्वय का था। पार्टी ने जनवरी, 2019 में उन्हें उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा। जेपी नड्डा अपनी रणनीति के दम पर 49 फीसद से अधिक वोट शेयर पार्टी के लिए जुटाने में सफल रहे। 20 जनवरी 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का पहली बार अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।