जयंती विशेष: पं दीनदयाल उपाध्याय की प्रखर थी बौद्धिक क्षमता, यहां पढ़ें उनके विचार
लखनऊ: पं दीनदयाल उपाध्याय की आज 104वीं जयंती है। भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे दीनदयाल ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी। यही नहीं, पं दीनदयाल उपाध्याय की बौद्धिक क्षमता भी प्रखर थी।
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पं दीनदयाल उपाध्याय नितान्त सरल और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी। उनके हिंदी और अंग्रेजी के लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते थे। केवल एक बैठक में ही उन्होंने चन्द्रगुप्त नाटक लिख डाला था।
चूंकि, आज दीनदयाल की 104वीं जयंती है। इसलिए आज हम आपको उनके कुछ विचारों के बारे में बताने वाले हैं। तो आइए, जानते हैं उनके कुछ विचारों के बारे में।