चिदंबरम की याचिका खारिज करने वाले जस्टिस गौड़ बने एटीपीएमएलए के अध्यक्ष

दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील गौड़ को अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (एटीपीएमएलए) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह नया कार्य भार 23 सितंबर को संभालेंगे

Update:2019-08-28 20:44 IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील गौड़ को अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (एटीपीएमएलए) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह नया कार्य भार 23 सितंबर को संभालेंगे।

न्यायमूर्ति गौड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान कई हाईप्रोफाइल मामलों की सुनवाई की। जस्टिस गौड़ ने ही नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं पर अभियोजन की राह खोली थी।

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न्यायमूर्ति गौड़ को अप्रैल 2018 में पदोन्नत कर दिल्ली हाईकोर्ट में नियुक्त किया गया था। इसके पहले 11 अप्रैल 2012 को गौड़ को स्थायी न्यायाधीश नामित किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अन्य हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई की।

न्यायमूर्ति गौड़ ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की अग्रिम जमानत नामंजूर किया था।

इसके अलावा कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) मामले में भी फैसला सुनाते हुए उसे आईटीओ स्थित अपना कार्यालय खाली करने को कहा था।

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विवादास्पद मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ धन शोधन के मामले सहित भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों की भी उन्होंने सुनवाई की थी।

जस्टिस गौड़ ने ही पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले में चिदंबरम प्रथम दृष्टया ‘‘प्रमुख षड्यंत्रकारी" लगते हैं। प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है।

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