MP: कैलाश विजयवर्गीय ने बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से दिया इस्तीफा
Kailash Vijayvargiya: कैलाश विजयवर्गीय दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा।
Kailash Vijayvargiya.मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। विजयवर्गीय ने हाल ही में मोहन यादव सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद से ही उनके राष्ट्रीय महासचिव पद छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। कैलाश विजयवर्गीय गुरूवार को दिल्ली पहुंचे और राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात कर उन्हें अपना त्यागपत्र सौंपा।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने अपने इस कदम की जानकारी दी। विजयवर्गीय ने जेपी नड्डा के साथ मुलाकात की तस्वीरें भी शेयर कीं। 2014 में केंद्र में मोदी-शाह के आने के बाद कैलाश विजयवर्गीय को संगठन के कामों में लगाया गया। उन्हें पहले हरियाणा का प्रभार सौंपा गया, जहां उन्होंने बीजेपी को पहली बार स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता दिलाई। इसके बाद विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल भेजे गया, जहां 2021 के विधानसभा चुनाव तक उन्होंने काम किया।
एक नई भूमिका के लिए एमपी भेजा गया – विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए लिखा, आज मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी से मिला। हमारी पार्टी के सिद्धांत 'एक व्यक्ति एक पद' के अनुसार मैंने महासचिव पद से उन्हें इस्तीफ़ा सौपा। मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने 9 वर्ष तक पहले अमित शाह जी फिर जेपी नड्डा जी के मार्गदर्शन में देश के विभिन्न स्थानों पर संगठन को गढ़ने में प्राणप्रण से कार्य किया।
अब मुझे पार्टी ने मध्यप्रदेश में एक नई भूमिका के लिए भेजा है। मैं प्रधानमंत्री जी का संकल्प वर्ष 2047 में भारत, विश्व का शक्तिशाली देश बने। इस दिशा में मध्यप्रदेश को शक्तिशाली बनाने के लिए हम माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में कार्य करेंगे। मेरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विकास की एक नई इबारत लिखेगा।
10 साल बाद राज्य की राजनीति में हुए एक्टिव
कैलाश विजयवर्गीय ने इस बार इंदौर क्रमांक एक की विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल की। 2018 में ये सीट कांग्रेस के पास चली गई थी। विजयवर्गीय ने इससे पहले पिछला विधानसभा चुनाव 2013 में लड़ा था और जीते भी। हालांकि, इसके बाद वे केंद्र की राजनीति में एक्टिव हो गए। वो वापस राज्य की राजनीति में आने के प्रति अनिच्छुक थे, इसे उन्होंने सार्वजनिक रूप से जाहिर भी किया था। बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में उनका नाम भी चल रहा था। चुनाव प्रचार के दौरान विजयवर्गीय इशारों में इस पर दावा भी ठोंक चुके थे। लेकिन आलाकमान ने मोहन यादव के रूप में अपेक्षाकृत नए चेहरे को मौका देकर सबको चौंका दिया।