नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कमलनाथ को 12 जून को ही पंजाब में पार्टी का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन वहां उनका जोरदार विरोध हो रहा था।
क्यों हो रहा था कमलनाथ का विरोध?
-1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल होने के आरोप में कमलनाथ का विरोध हो रहा था।
-कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने हालांकि कहा था कि कमलनाथ दंगों के मामले में शामिल नहीं थे।
-अमरिंदर के मुताबिक कांग्रेस के सिर्फ पांच नेता ही दंगों में दोषी रहे हैं।
कमलनाथ ने क्या कहा?
-कमलनाथ ने कहा है कि 1984 से 2005 तक उनका नाम किसी केस में नहीं आया।
-2006 में वकील एचएस फूलका ने एक गवाह के बयान पर उनका नाम दंगों के केस में शामिल किया।
-कमलनाथ ने सोनिया को चिट्ठी में लिखा है कि आरोप लगाए जाने से वह आहत महसूस कर रहे हैं।
किस-किसने किया विरोध?
-अकाली दल, आम आदमी पार्टी ने दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया।
-दो बार के सांसद और केंद्र में मंत्री रहे मनोहर सिंह गिल ने भी आरोप लगाया था।
-कमलनाथ को प्रभारी बनाए जाने का कई विधायक भी विरोध कर रहे थे।