PFI के महासचिव ने कहा- कानपुर हिंसा में हमारी भूमिका नहीं, जांच एजेंसियों के लिए हम आसान निशाना
Kanpur Violence Latest News:अनीस अहमद ने कहा, 'पीएफआई का कानपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है। यूपी में हमारी कोई इकाई नहीं है।
Kanpur Violence Latest News: कानपुर हिंसा मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) यानी PFI का नाम बार-बार सामने आया है। उत्तर प्रदेश पुलिस और जांच एजेंसियों ने इस हिंसा के तार PFI से जुड़ते बताए हैं। अब जब कानपुर हिंसा से PFI के कनेक्शन की जांच चल रही है तब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का बयान सामने आया है। पीएफआई के (PFI) के महासचिव अनीस अहमद (Anees Ahmad) ने कानपुर में हुई हिंसा में उनकी संगठन की भूमिका के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने हिंसा की निंदा भी की है।
अनीस अहमद ने कहा, 'पीएफआई का कानपुर हिंसा से कोई संबंध नहीं है। यूपी में हमारी कोई इकाई नहीं है। कानपुर की तो बात ही छोड़िए। उन्होंने बताया कि, पीएफआई की उत्तर प्रदेश में केवल तदर्थ इकाई है। कानपुर हिंसा के आरोपियों से हमारा कोई संबंध नहीं है।' वहीं, कानपुर पुलिस के अनुसार, हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) के परिसरों पर छापेमारी के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। जिन पर हिंसा को अंजाम देने का आरोप है।
'हम केंद्रीय एजेंसियों के लिए आसान निशाना'
पीएफआई के (PFI) के महासचिव अनीस अहमद ने कहा, 'हम कानपुर हिंसा की निंदा करते हैं। हम बीजेपी और केंद्रीय एजेंसियों के लिए आसान निशाना बन गए हैं। अनीस कहते हैं लेकिन पुलिस को विरोध प्रदर्शन से बचने के लिए नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।'
नूपुर के बयान से भड़की कानपुर हिंसा
बीजेपी आलाकमान ने ने 5 जून को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से सस्पेंड कर दिया। है बता दें कि, हाल ही में एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मुहम्मद पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर देश-विदेश में बवाल मचा हुआ है। कहा जाता है कि उनकी टिप्पणियों के बाद ही कानपुर हिंसा भड़की है।
क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ?
बता दें, कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) या PFI एक चरमपंथी इस्लामी संगठन (Islamic organization) है। इस संगठन की स्थापना वर्ष 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में हुआ था। PFI का मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में है। यह संगठन स्वयं को आजादी, न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले नए समाज के आंदोलन के रूप में बताता रहा है। पीएफआई की कई अलग शाखाएं भी हैं। महिलाओं के लिए यह संगठन 'नेशनल वीमेंस फ्रंट' और स्टूडेंट्स के लिए 'कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया' नाम से शाखाएं चलाता है। इसी तरह की अन्य शाखाएं भी देश भर में काम कर रही है।