Karnataka News: मैसूर में MUDA के दफ्तर पर ED की रेड
Karnataka News: सीएम पर MUDA द्वारा अपनी पत्नी को 14 साइटों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोप हैं। इस चर्चित मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
Karnataka News: कर्नाटक के चर्चित MUDA मामले में ईडी ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की। सीएम पर MUDA द्वारा अपनी पत्नी को 14 साइटों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोप हैं। इस चर्चित मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को ईडी ने मैसूर में MUDA कार्यालय और कुछ अन्य स्थानों पर छापा मारा है। इस दौरान अधिकारियों के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी मौजूद हैं। ईडी के इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल, ईडी के इस छापेमारी की जद में मुख्यमंत्री या उनके परिवार के किसी भी सदस्य के परिसर नहीं हैं।
बता दें कि कुछ सप्ताह पहले संघीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दायर की थी, जिसमें हाल ही में लोकायुक्त द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का संज्ञान लिया गया था। सीएम पर MUDA द्वारा अपनी पत्नी को 14 साइटों के आवंटन में अनियमितताओं के आरोप हैं।
सिद्धारमैया, उनकी पत्नी बी एम पार्वती, उनकी पत्नी के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य के खिलाफ मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर में नामजद किया गया है। देवराजू से स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दिया था। मुख्यमंत्री ने अपने या अपने परिवार द्वारा किसी भी तरह के गलत काम से इनकार करते हुए कहा कि विपक्ष उनसे डरा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह उनके खिलाफ पहला ऐसा राजनीतिक मामला है।
MUDA क्या है?
MUDA Case इस समय कर्नाटक ही नहीं देशभर में चर्चा में है। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण को शॉर्ट फॉर्म में MUDA कहते हैं। MUDA मैसूर शहर के विकास कार्यों के लिए स्वायत्त संस्था यानी कि एक ऑटोनॉमस बॉडी है। MUDA पर ही जमीनों के अधिग्रहण और आवंटन के कार्य की जिम्मेदारी है। यहां मामला जमीन घोटाले का है, इसलिए MUDA का नाम इस मामले में शुरू से ही जुड़ता आ रहा है। शुरू यानी कि 2004 से यह मामला MUDA की ओर से उस समय मुआवजे के तौर पर जमीन के पार्सल के आवंटन से जुड़ा है जब सिद्धारमैया मुख्यमंत्री थे। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं। इससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ है। इस मामले में मूडा और राजस्व विभाग के आला अधिकारियों के नाम भी सामने आये हैं।