Old Pension Scheme: इस राज्य के सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, सीएम ने किया पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का ऐलान

Old Pension Scheme: राज्य के मुख्यमंत्री एस.सिद्धारमैया ने बुधवार को इस बाबत एक बड़ा ऐलान किया है। उनकी सरकार ने 2006 के बाद भर्ती हुए लगभग 13 हजार राज्य सरकार के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कवर करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-01-25 11:30 IST

Old Pension Scheme in karnataka (Photo:Social Media)

Old Pension Scheme: बीते दो साल से राज्यों के विधानसभा चुनावों में जिस एक मुद्दे का सबसे ज्यादा शोर रहा, वो है ‘ओल्ड पेंशन स्कीम’। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए ये आज की तारीख में सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसको लेकर कई प्रदर्शन हो चुके हैं। इस मुद्दे ने कुछ राज्यों में विपक्ष में बैठी पार्टी को चुनावी लाभ भी पहुंचाया है। दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक भी उन्हीं राज्यों में से एक है, जहां कांग्रेस ने बीते साल मई में विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार बनने पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का वादा किया था।

राज्य के मुख्यमंत्री एस.सिद्धारमैया ने बुधवार को इस बाबत एक बड़ा ऐलान किया है। उनकी सरकार ने 2006 के बाद भर्ती हुए लगभग 13 हजार राज्य सरकार के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कवर करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इस प्रकार कर्नाटक देश का दूसरा कांग्रेस शासित राज्य बन गया है, जहां पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इसकी घोषणा की थी। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए सरकारी कर्मचारियों से इसका वादा किया था, जिसका भरपूर लाभ पार्टी को चुनावों में मिला।

सिद्धारमैया सरकार ने पूरा किया एक और वादा

लोकसभा चुनाव के ऐलान में अब ज्यादा दिन शेष नहीं रह गए हैं। ऐसे में केंद्र हो या राज्य दोनों जगह सरकारें चुनावी मोड में आ चुकी हैं और जनता से किए गए चुनावी वादों को पूरा करने में लगी हैं। पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का ऐलान कर सिद्धारमैया सरकार ने लोकसभा चुनाव में जाने से पूर्व एक और चुनावी वादा को पूरा कर दिया है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, 2006 के बाद भर्ती हुए राज्य सरकार के लगभग 13,000 सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने का आदेश जारी किया गया है। चुनाव से पहले जब एनपीएस कर्मचारी हड़ताल पर थे, तब मैंने वहां का दौरा किया था और सत्ता में आने के बाद मांग पूरी करने का वादा किया था। मुझे उम्मीद है कि इस फैसले से 13,000 एनपीएस कर्मचारियों के सभी परिवारों को आराम मिला होगा।

ओपीएस में कहां फंसा है पेंच

राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच ओपीएस के मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल शासित राज्यों ने अपने – अपने यहां पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने का ऐलान किया, लेकिन अभी तक कर्मचारी इसका फायदा नहीं उठा सके हैं। ओपीएस लागू करने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल थे। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। राजस्थान में भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के फैसले को पलटते हुए नई पेंशन स्कीम को फिर से बहाल कर दिया।

इस योजना में सबसे बड़ा पेंच राशि को लेकर है। जिन राज्यों ने इसे लागू किया है, उनकी वित्तीय हालत इतनी खराब है कि वे बिना केंद्र के सहयोग से इसे लागू नहीं कर सकते। इसको उनके और केंद्र के बीच खींचतान चल रही है। बात करें कर्नाटक की हो तो पिछले दिनों डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव में जो गारंटियां दी गई थी, उसे पूरा करने के बाद सरकार के पास इतना धन नहीं रह गया है कि वो विकास परियोजनाएं का भार सह सके। उन्होंने विधायकों से अपने क्षेत्र के लिए फंड न मांगने की बात कही थी।

बता दें कि पुरानी पेंशन योजना दिसंबर 2003 में बंद कर दी गई थी। नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2004 से लागू है। आरबीआई के अलावा विशेषज्ञ भी ओल्ड पेंशन स्कीम के लागू करने से वित्तीय जोखिम के बढ़ने के खतरे को लेकर आगाह कर चुके हैं। रिजर्व बैंक के एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे सरकारी खजाने का बोझ साढ़े चार गुना बढ़ जाएगा।

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