Karnatka Election Result 2023: कर्नाटक में कांग्रेस, अब नजरें जोड़तोड़ पर

Karnatka Election Result 2023: कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बन सकती है। शर्त ये है कि आखरी वोट गिने जाने तक पांसा न पलट जाए। शर्त ये भी है कि गिनती पूरी होने के बाद खरीद बिक्री, जोड़तोड़, पालाबदल न हो।

Update:2023-05-13 17:26 IST
कर्नाटक में कांग्रेस आगे: Photo- Social Media

Karnatka Election Result 2023: कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बन सकती है। शर्त ये है कि आखरी वोट गिने जाने तक पांसा न पलट जाए। शर्त ये भी है कि गिनती पूरी होने के बाद खरीद बिक्री, जोड़तोड़, पालाबदल न हो। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती अभी जारी है लेकिन ट्रेंड दिखा रहे हैं कि कांग्रेस 113 सीटों का आंकड़ा पार कर लेगी। भाजपा भी बहुत पीछे नहीं है जबकि जेडीएस बेहतरीन प्रदर्शन करने की पोजीशन में है और सत्ता से जुड़ने का इंतज़ाम कर सकती है।

रिसॉर्ट प्लान

बताया जाता है कि कांग्रेस अंतिम गिनती में अपनी संख्या 110-115 के बीच मंडराने की संभावना के लिए योजना बना रही है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पार्टी अपने विधायकों को तमिलनाडु ले जाने की योजना बना रही है और सत्तारूढ़ द्रमुक के नेतृत्व के संपर्क में है। कांग्रेस के निर्वाचित विधायकों को शाम तक बेंगलुरु ले जाने की भी व्यवस्था की जा रही है।जैसे ही शुरुआती बढ़त में आगे बढ़ी, कांग्रेस ने

सीएम की जोड़तोड़

कर्नाटक में जीत को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों के समर्थक मांग कर रहे हैं कि उनके नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाए। बताया जाता है कि इस स्थिति को देखते हुए, कांग्रेस ने दोनों को आधे-आधे समय के लिए मुख्यमंत्री बनाने की योजना तैयार कर ली है। सूत्रों का कहना है कि पहले सिद्धारमैया को ढाई साल और फिर शिवकुमार को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 113 सीटें जीतने की जरूरत है। राजनीतिक पंडितों ने भाजपा से कड़ी टक्कर में कांग्रेस को बढ़त मिलने की भविष्यवाणी की है। कई लोगों ने त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की है। ऐसे में एचडी कुमारस्वामी की जेडीएस किंगमेकर बन सकती है। कर्नाटक में 10 मई को हुए चुनाव में रिकॉर्ड 73.19 फीसदी वोट पड़े थे. 1957 में भाषाई आधार पर राज्यों के गठन के बाद कर्नाटक में यह सबसे अधिक मतदान था।

रेवड़ी के सहारे

कर्नाटक पहला दक्षिणी राज्य है जहां भाजपा सरकार बनाने में सफल रही है। यहां भाजपा को हराने के लिए, कांग्रेस पार्टी ने चुनावी रेवड़ी कल्चर का सहारा लिया है। पार्टी ने खाना पकाने की गैस और ईंधन की कीमतों सहित महंगाई की स्थिति पर जनता के गुस्से को वोट में कन्वर्ट करने के इरादे से पांच गारंटियों के एक सेट पेश किया था। कांग्रेस की गारंटी में घर की मुखिया महिला के लिए 2,000 रुपये मासिक आय, बेरोजगार स्नातकों के लिए 3,000 रुपये वजीफा, गरीबी रेखा से नीचे परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए 10 किलो चावल, गरीब परिवारों के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा शामिल है।

जेडीएस भी उसी राह पर

जेडी (एस), जो दक्षिण कर्नाटक में कांग्रेस के लिए मुख्य चुनौती है और राज्य के अन्य हिस्सों में छिटपुट उपस्थिति है, ने अपने स्वयं के वादे किए हुए हैं। जिसमें प्रति वर्ष पांच मुफ्त एलपीजी सिलेंडरों की सप्लाई और महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों द्वारा ऋण में छूट शामिल है।

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