करणी सेना का इंकार- हमने हिंसा नहीं की, विरोध जारी रहेगा

Update: 2018-01-27 16:51 GMT

नई दिल्ली : श्री राजपूत करणी सेना ने शनिवार को दोबारा कहा कि वह 24 जनवरी को गुरुग्राम स्कूल बस हमले की घटना में शमिल नहीं थी। सेना ने कहा कि उनका आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक पद्मावत पर प्रतिबंध नहीं लग जाता। करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके पास सबूत हैं कि उनका कोई कार्यकर्ता गुरुग्राम में स्कूल बस और अहमदाबाद समेत देश के अन्य हिस्सों में सिनेमाघरों पर हमलों का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा, "कुछ घटनाएं दुख:द हैं। सिनेमाघरों में तोड़फोड़ करने वाले और अहमदाबाद में 40-50 मोटरसाइकिलों में आग लगाने वाले प्रदर्शनकारी मुझे नहीं जानते हैं और न ही मैं उन्हें जानता हूं। इससे क्या पता चलता है। लेकिन टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सब करणी सेना और राजपूत संगठनों ने किया है।"

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उन्होंने दावा किया, "प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक गुरुग्राम में मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात लोगों ने स्कूल बस पर हमला किया। वहीं हमारे लोगों ने पुलिस की मदद से बस को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।"

उन्होंने कहा कि राजपूत ऐसे घृषित कार्य नहीं करते हैं। करणी सेना किसी भी जांच के लिए तैयार है।

कल्वी ने कहा, "हम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) समेत किसी भी जांच एजेंसी द्वारा जांच का विकल्प खुला रखते हैं। इन हमलों के पीछे कौन है, इसकी जांच सीबीआई को करने दी जानी चाहिए।"

'पद्मावत' पर प्रतिबंध लगवाने में असफलता मिलने के लिए उन्होंने राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को दोषी ठहराया।

उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदर्शन को तेज और तब तक जारी रखा जाएगा, जबतक 'पद्मावत' पर प्रतिबंध नहीं लग जाता।

उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक होने के नाते उन्हें फिल्म का विरोध करने का अधिकार है।

उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों से सभी संभावित तरीकों से फिल्म का विरोध करने की अपील की।

कल्वी ने गुरुवार को भी कहा था कि गुरुग्राम बस हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं है और इस जघन्य कार्य के लिए उन्होंने संजय लीला भंसाली और उनकी टीम को दोषी ठहराया।

उन्होंने दावा किया कि उत्तर भारत में कुल 4,318 सिनेमा हॉलों में से मात्र 48 सिनेमा हॉलों में फिल्म चली है।

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