कासगंज/लखनऊ: गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा के दौरान हुए पथराव के बाद कासगंज में भड़की हिंसा तीसरे दिन भी जारी रही, लेकिन शाम तक जनजीवन सामान्य होता दिखा। लोग अपने घरों से बाहर भी निकले। वहीं प्रशासन ने दोनों समुदाय के लोगों को बैठाकर बातचीत की, ताकि इस संकट का समाधान निकाला जा सके।
बता दें, कि कासगंज में शहर में धारा 144 लागू करने के साथ ही कई इलाकों में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है। कासगंज में रविवार को तलाशी के दौरान पुलिस को एक घर से कुछ देसी बम मिले हैं।
कुल मिलाकर रविवार शाम 6 बजे तक कासगंज का माहौल तेजी से सामान्य हो रहा था और लोग अपने-अपने घरों से निकल रहे थे। इस बीच पुलिस और प्रशासन की गश्त और फ्लैग मार्च जारी हैं। कासगंज में अभी भी तनाव के बीच शांति हैं। इस बीच ड्रोन कैमरों से भी उपद्रवियों पर नजर रखी जा रही हैं।
धरने पर बैठी मृतक मां
रविवार दोपहर को कासगंज में 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान बबाल में मृत चंदन गुप्ता की मां सुनीता गुप्ता ,उसकी बहन और लगभग 50 महिलाएं मुख्य मार्किट के सड़क पर धरने पर बैठ गए। जहां उन्होंने 50 लाख रुपए मुआवजे, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और चंदन की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी करने और उनको फांसी देने की मांग करने लगे। इस बीच चंदन गुप्ता की मां उसी खून की छींटों से युक्त तिरंगा झंडा लिए बैठी रही, जिसको लेकर चंदन तिरंगा यात्रा निकाल रहा था।
पुलिस ने लोगों से की अपील
इसके बाद कासगंज जिला प्रशासन ने कासगंज में शांति बहाल करने के प्रयसों के तहत दोपहर 1 बजे नगर पालिका परिसर में दोनों समुदाय के लोगो की एक शांति समिति की बैठक बुलाई और उनसे शांति बनाने की अपील की। इस बैठक के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने शहर में फ्लैग मार्च कर माइक से लोगों को घरों से बाहर निकलने की अपील की, जिसपर लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले और उन्होंने रोज मर्रा की जरूरतों की चीजों की खरीददारी की।
शनिवार को भी भड़की थी हिंसा
शनिवार देर रात भी हिंसा भड़की थी। अलग-अलग जगहों पर तोड़फोड़, आगजनी और पथराव की वारदातें होती रहीं। अलग-अलग इलाकों में लगातार हो रहे उपद्रव से प्रशासन के हाथ-पांव फूले दिखे। शनिवार देर रात छर्रा अड्डा के पास बिलराम चौराहा पर फायरिंग से माहौल बिगड़ गया था। वहीं, नदरई कस्बे में कबाड़े में खड़ी दो गाड़ियों को फूंक दी गई। जबकि सोरों कस्बे में डाकखाने के पास कपड़े की एक दुकान में आग लगा दी गई।
बढ़ी चौकसी
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि कुछ अन्य इलाकों से पेट्रोल बम बरामद हुए हैं। हिंसा के मद्देनजर रेलवे स्टेशन सहित अन्य सार्वजानिक स्थलों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। हालांकि, पुलिस अधिकारी और भारी सुरक्षा बल स्थति पर नियंत्रण की बात कर रहे हैं लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस अवसर पर आगरा जॉन के एडीजी अजय आनंद ने बताया कि अबतक 79 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पेट्रोल पंप बंद करा दिए गए हैं
इससे पहले शनिवार सुबह उपद्रवियों ने चार दुकान और दो बसों में आग लगा दी थी। अलीगढ़ मंडलायुक्त और आईजी समेत कई जिलों के अधिकारी और फोर्स हालात को नियंत्रित करने के लिए मौजूद हैं। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। कासगंज शहर के सभी पेट्रोल पंप बंद करा दिए गए हैं। बसों का परिचालन भी ठप हो गया है। कासगंज जिले की सभी सीमाएं सील कर पीएसी लगाई गई है।
साध्वी प्राची को कासगंज जाने से रोका
सांप्रदायिक बवाल के बाद कासगंज जा रही साध्वी प्राची व उनके काफिले को सिकंदराराऊ पुलिस ने कासगंज रोड पर रोक लिया। इस दौरान उनकी सिकंदराराऊ कोतवाल से नोंकझोंक हो गई। गाड़ी की चाबी निकालने से समर्थक आक्रोशित हो गए। समर्थकों के साथ साध्वी पंत चौराहा पर धरने पर बैठ गईं। जिससे अलीगढ़-एटा व मथुरा-बरेली मार्ग पर जाम लग गया।
एडीजी आगरा ज़ोन अजय आनंद, मंडलायुक्त अलीगढ़ मंडल सुभाष चंद्र शर्मा, आईजी अलीगढ़ मंडल डॉ संजीव गुप्ता, डीएम कासगंज आरपी सिंह, एसपी सुनील कुमार सिंह पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।