Yana Mir: यूके की संसद में गरजी कश्मीरी एक्टिविस्ट- मैं अपने देश में आज़ाद हूँ, मुझे भागने की क्या जरूरत?

Kashmiri Activist Yana Mir: यूके संसद द्वारा आयोजित 'संकल्प दिवस' में याना मीर ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया समुदाय से जम्मू-कश्मीर के लोगों को विभाजित करना बंद करने का आग्रह किया।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2024-02-23 06:58 GMT

Kashmiri Activist Yana Mir   (photo: social media )

Kashmiri Activist Yana Mir: कश्मीरी एक्टिविस्ट और पत्रकार याना मीर ने यूके की संसद मंश भारत विरोधियों को जम कर लताड़ लगाई और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को धूमिल करने के लिए पाकिस्तान द्वारा प्रचार तंत्र की कड़ी निंदा की। याना ने कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा है और वह वहां पूरी तरह से सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।

मत करो विभाजित

लंदन में यूके संसद द्वारा आयोजित 'संकल्प दिवस' में याना मीर ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया समुदाय से जम्मू-कश्मीर के लोगों को विभाजित करना बंद करने का आग्रह किया।

मैं मलाला नहीं

याना मीर ने यहां तक कहा कि ''वह मलाला यूसुफजई नहीं हैं'', जिन्हें आतंकवाद के गंभीर खतरों के कारण अपना देश छोड़कर भागना पड़ा। याना ने कहा - मैं मलाला यूसुफजई नहीं हूं। मैं अपने देश भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हूं। मुझे कभी भी भागकर आपके देश में शरण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैं कभी भी मलाला यूसुफजई नहीं बनूंगी। लेकिन मुझे मेरे देश, मेरी प्रगतिशील मातृभूमि को उत्पीड़ित कहकर बदनाम करने के लिए मलाला पर आपत्ति है। मुझे सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के ऐसे सभी टूलकिट सदस्यों पर आपत्ति है, जिन्होंने कभी भारतीय कश्मीर जाने की परवाह नहीं की, लेकिन वहां से उत्पीड़न की कहानियां गढ़ते हैं।

धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण मत करो

याना मीर ने कहा - मैं आपसे धर्म के आधार पर भारतीयों का ध्रुवीकरण बंद करने का आग्रह करती हूं। हम आपको हमें तोड़ने की इजाजत नहीं देंगे। इस साल संकल्प दिवस पर, मुझे बस यही उम्मीद है कि ब्रिटेन और पाकिस्तान में रहने वाले हमारे अपराधी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया या अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मंचों पर मेरे देश को बदनाम करना बंद कर देंगे। अवांछित चयनात्मक आक्रोश बंद करें, अपने यूके लिविंग रूम से रिपोर्टिंग करके भारतीय समाज को ध्रुवीकृत करने की कोशिश करना बंद करें। आतंकवाद के कारण हजारों कश्मीरी माताएं पहले ही अपने बेटों को खो चुकी हैं। हमारे पीछे पड़ना बंद करें और मेरे कश्मीरी समुदाय को शांति से रहने दें। धन्यवाद और जय हिंद।''

विविधता राजदूत पुरस्कार

कार्यक्रम के दौरान याना मीर को जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में विविधता की वकालत करने के लिए विविधता राजदूत पुरस्कार भी मिला। अपने संबोधन में याना ने बेहतर सुरक्षा, सरकारी पहल और फंड आवंटन पर जोर देते हुए अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद की प्रगति को रेखांकित किया। याना ने भारतीय सेना के प्रयासों की भी सराहना की, जिसमें डी-रेडिकलाइजेशन कार्यक्रम और खेल और शिक्षा के लिए युवाओं में पर्याप्त निवेश, भारतीय सेना को बदनाम करने वाली मीडिया कहानियों का मुकाबला करना शामिल है।

इस आयोजन ने 22 फरवरी, 1994 को भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को चिह्नित किया, जिसमें भारत के अटल रुख की पुष्टि की गई कि जम्मू और कश्मीर का पूरा क्षेत्र भारतीय क्षेत्र का अभिन्न अंग है। इसने मीरपुर-मुजफ्फराबाद और गिलगित और बाल्टिस्तान को पुनः प्राप्त करने के भारत के अधिकार पर जोर दिया, जो पाकिस्तानी आक्रमण का शिकार हुए थे।

कार्यक्रम में कौन शामिल हुआ?

इस सभा में 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें ब्रिटेन की संसद के सदस्य, स्थानीय पार्षद, समुदाय के नेता, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और प्रवासी भारतीयों के प्रमुख सदस्य शामिल थे।

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