बसाने का वादा अधूरा : अभी तक सभी PM फेल, Modi पर भी सवालिया निशान

पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह रहे हो या बाद के पीएम चंद्रशेखर, नरसिंह राव या अटल बिहारी वाजपेयी सभी पीएम एक मामले में फेल रहे, इतना ही नहीं वर्तमान पीएम भी इस मसले को अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं जिससे उनपर भी सवालिया निशान लग गया है। सभी पीएम को फेल बता और मो

Update: 2018-01-19 10:55 GMT
बसाने का वादा अधूरा : अभी तक सभी PM फेल, Modi पर भी सवालिया निशान

लखनऊ:पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह रहे हो या बाद के पीएम चंद्रशेखर, नरसिंह राव या अटल बिहारी वाजपेयी सभी पीएम एक मामले में फेल रहे, इतना ही नहीं वर्तमान पीएम भी इस मसले को अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं जिससे उनपर भी सवालिया निशान लग गया है। सभी पीएम को फेल बता और मोदी से सवाल करते पीड़ितों ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन किया।

आज ही के दिन हुआ था भयंकर नरसंहार

19 जनवरी 1990 को ही कश्मीरी पंडितों पर हुए नरसंहार में 6000 कश्मीरी पंडितों को मार दिया गया था, और करीब 7 लाख से ज्यादा पंडितों को पलायन के लिए मजबूर किया गया। सैकड़ों मंदिरों नष्ट कर दिए गए। कश्मीरी पंडितों के गांवों को इस्लामी नाम दे दिया गया। इस अत्याचार की वजह से लोगों को अपना घर, व्यापार सब कुछ छोड़कर पलायन करना पड़ा। आज भी विस्थापित हुए कश्मीरी पंडित देश के विभिन्न शहरों खासकर दिल्ली और लखनऊ में भी दर दर की ठोंकरे खाने को मजबूर हैं। सरकारें आती हैं जाती हैं मगर लाखों विस्थापित कश्मीरी पंडितों के फिर से बसाने के लिए कुछ भी नहीं कर पाती। शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में इसी मांग को लेकर कश्मीरी पंडितों के न्याय की लड़ाई लड़ रहे विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया और आज के दिन को काला दिवस के रूप में याद किया, जिसमे विस्थापित कश्मीरी पंडित और महिलाये शामिल हुई।

पूर्व प्रधानमंत्रियों को बताया फेल

प्रदर्शन कर रहे लोगों के हाथ में एक बैनर था जिसमें वीपी सिंह, चंद्रशेखर, पी वी नरसिम्हा राव, एच डी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपयी, मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की भी तस्वीर थी। इसमें सभी पीएम की तस्वीर पर फेल का निशान बना था जबकि मोदी की तस्वीर पर सवालिया निशान लगा था। प्रदर्शन कर लोगों ने बताया की इन सभी पीएम ने कश्मीरी पंडितों को बसाने का वादा किया लेकिन पूरा नहीं कर पाए। पीएम मोदी ने भी वादा किया है पर अभी तक कुछ नहीं हो रहा, इसलिए हम उनसे आज सवाल पूछ रहे हैं।

क्या कहती है केंद्र सरकार की रिपोर्ट

केंद्र की रिपोर्ट अनुसार कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के अब केवल 808 परिवार रह रहे हैं तथा उनके 59442 पंजीकृत प्रवासी परिवार घाटी के बाहर रह रहे हैं। कश्मीरी पंड़ितों के घाटी से पलायन से पहले वहां उनके 430 मंदिर थे। अब इनमें से मात्र 260 सुरक्षित बचे हैं जिनमें से 170 मंदिर क्षतिग्रस्त है। पीड़ितों की माने तो यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है और सरकार आंकड़े जुटाती है, विस्थापितों को फिर से कश्मीर में बसाने के बारे में कोई ठोस नीति नहीं बनाती।

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