Supreme Court on Sharia Law: शरिया कानून के खिलाफ मुस्लिम महिला पहुंची सुप्रीम कोर्ट, SC ने केंद्र का पूछा रूख
Supreme Court on Sharia Law: शरिया कानून के खिलाफ एक मुस्लिम महिला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। जिसमें खुद पर शरीयत के बजाय भारतीय उत्तराधिकार कानून लागू करने की मांग की है।;
Supreme Court on Sharia Law: शरिया कानून के खिलाफ एक मुस्लिम महिला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। महिला ने याचिका दर्ज की। जिसमें खुद पर शरीयत के बजाय भारतीय उत्तराधिकार कानून लागू करने की मांग की है। अब सर्वोच्च अदालत ने इस पर केंद्र सरकार से उसका जवाब मांगा है।
अलपुझा की रहने वाली और एक्स-मुस्लिम्स ऑफ केरल की महासचिव साफिया पी एम की याचिका मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ के सामने आई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है।
तुषार मेहता ने क्या कहा
केंद्र सरकार को रिप्रजेंट कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका ने एक दिलचस्प सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता महिला जन्मजात मुस्लिम है और उनका कहना है कि वह शरीयत में विश्वास नहीं करती और उसे लगता है कि यह एक पिछड़ा कानून है।
5 मई से शुरू होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की यह याचिका आस्था के खिलाफ होगा। इसपर कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा। वहीं मेहता ने निर्देश लेने और जवाबी हलफनामा दर्ज करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है। पीठ ने चार सप्ताह का समय दिया। साथ ही सुनवाई 5 मई से शुरू होने वाले सप्ताह में करने की बात कही है।
क्या है शरिया कानून
शरिया कानून (Sharia Law) इस्लाम का धार्मिक कानून है। यह इस्लाम धर्म से जुड़ा हुआ है। जो कुरान यानी इस्लाम की पवित्र पुस्तक और हदीस पैगंबर मोहम्मद के कथन और कार्य पर आधारित है। यह कानून इस्लामिक जीवन के हर पहलू को संचालित करता है, जिसमें व्यक्तिगत, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन शामिल है। शरिया कानून मुख्य रूप से कई बिंदुओं को कवर करता है।
आस्था और इबादत
- यह इस्लाम के पांच स्तंभों जैसे नमाज, रोजा, जकात, हज, और शहादत का पालन करने के तरीके बताता है।
- धर्म का पालन और अल्लाह के प्रति जिम्मेदारी को समझाता है।
नैतिकता और आचरण
- लोगों के बीच ईमानदारी, दया और न्याय का पालन करने पर जोर देता है।
- धोखा, झूठ, और बुरे कर्मों से बचने की शिक्षा देता है।
निजी और पारिवारिक जीवन
- विरासत, शादी, तलाक और बच्चों की देखभाल से संबंधित कानून।
- परिवार के सदस्यों के अधिकार और कर्तव्य तय करता है।
सामाजिक और आपराधिक कानून
- चोरी, झूठी गवाही, और अन्य अपराधों के लिए सज़ा का निर्धारण करता है।
- न्याय और समानता को बढ़ावा देता है।
आर्थिक प्रणाली
- ब्याज पर रोक लगाता है और व्यापार में ईमानदारी का समर्थन करता है।
- जकात और दान देने के माध्यम से गरीबों की मदद की व्यवस्था करता है।
शरिया कानून का पालन
शरिया कानून का पालन हर इस्लामिक देश या समुदाय में अलग-अलग तरीके से होता है। कई देशों में इसे सरकारी कानूनों में शामिल किया गया है जैसे सऊदी अरब और ईरान। जबकि कुछ देशों में यह व्यक्तिगत और धार्मिक मामलों तक ही सीमित है।