सिलेंडर विस्फोट में मृतक के परिजनों को मिलेगा 12 लाख का मुआवजा: NCDRC
इंडियन आयल कॉरपोरेशन लि. (आईओसीएल) तथा उसके डीलर को सिलेंडर विस्फोट में मारी गई महिला के परिजनों को 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली: इंडियन आयल कॉरपोरेशन लि. (आईओसीएल) तथा उसके डीलर को सिलेंडर विस्फोट में मारी गई महिला के परिजनों को 12 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने कहा कि यह दुर्घटना विनिर्माण की खामी की वजह से हुई।
यह भी देखें... जानलेवा ‘निपाह’ वायरस की भारत में दस्तक, केरल में आया पहला निपाह केस
एनसीडीआरसी ने इस दुर्घटना के लिए आईओसीएल तथा आलोक गैस एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया है। इस हादसे में गृहणी नीना झांब की मृत्यु हो गई थी जबकि उनकी सास गंभीर रूप से घायल हुई थीं।
आयोग ने कहा कि इस खामी की जांच करने की जिम्मेदारी आईओसीएल की है क्योंकि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि उपभोक्ता की ओर से कोई लापरवाही बरती गई।
आयोग ने अपने हालिया आदेश में कहा कि विनिर्माता होने की वजह से जिम्मेदारी आईओसीएल की बनती है कि वह जांच करे और खामी के बारे में रिपोर्ट दे। ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में आईओसीएल की यह दलील कि विनिर्माण खामी की कोई रिपोर्ट नहीं है, को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
एनसीडीआरसी के अध्यक्ष आर के अग्रवाल तथा सदस्य एम श्रीश ने कहा कि इस मामले का दायित्व आईओसीएल और डीलर दोनों का बनता है। रिकॉर्ड पर जो दस्तावेज हैं उनके मुताबिक सिलेंडर में विस्फोट विनिर्माण खामी की वजह से हुआ। इसकी मुख्य जिम्मेदारी आईओसीएल की है।
यह भी देखें... तमिल,तेलगु और हिंदी भाषा में नज़र आने वाले धनुष, अब पहुंच चुके है हॉलीवुड
एनसीडीआरसी ने यह आदेश आईओसीएल, गैस एजेंसी तथा बीमा कंपनी की अपील पर दिया है। इन्होंने दिल्ली राज्य उपभोक्ता मंच के मृतक के परिजनों को 12,21,734 रुपये ब्याज के साथ देने के आदेश को चुनौती दी थी।
आयोग ने अपील को खारिज करते हुए आईओसीएल पर 25,000 रुपये की लागत भी लगाई है। आईओसीएल के खिलाफ यह शिकायत मृतका के पति और बच्चों ने दायर की थी। शिकायत में कहा गया था कि तीन अप्रैल, 2003 को नीना जब रसाई में खाना बना रही थीं तो सिलेंडर फटने से उनकी मृत्यु हो गई। इस हादसे मे नीना की सास कान्ता घायल हो गईं।
(भाषा)