किसानों की हुंकार....दिल्ली फिर आएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे, 15 को होगा देश भर में ट्रैक्टकर मार्च
Kisan Andolan Update: संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा का साझा सम्मेलन नई दिल्ली में 22 जुलाई को होगा। दोनों मोर्चों ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात के लिए पत्र लिखा है।
Kisan Andolan Update: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा अंबाला के शंभू बॉर्डर को खोलने के आदेश के बाद यहां पर धरने पर बैठे आंदोलनरत किसान संगठनों ने बड़ा फैसला लिया है। एमएसपी सहित अपनी कई सूत्रीय मांगों को लेकर किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया है। साथ ही, 15 अगस्त को किसानों देश भर टैक्ट्रर मार्च का भी आह्वान किया है। दरअसल, इस साल बीते फरवरी को किसान संगठन अपनी मांगों के लेकर पंजाब से दिल्ली कूच के लिए निकले थे, लेकिन हरियाणा की सीमाएं सील होने की वजह से वह आगे नहीं बढ़ पाए। इससे नाराज किसान अंबाला स्थित शूंभ बार्डर पर धरने पर बैठ गए। तब से किसान यहां पर डेरा डाले हुए हैं। हाई कोर्ट ने सरकार को बॉर्डर खाली कराने का आदेश दिया था, जिससे किसान संगठनों में हलचल मच गई और बैठकर अब यह निर्णय लिया।
बैठक में लिया गया यह फैसला
शूंभ बॉर्डर को खाली करने के लिए हाई कोर्ट के आदेश के बाद किसान संगठनों ने बीते दिनों पंजाब के खरौनी बॉर्डर पर आंदोलन की आगामी रणनीति को लेकर एक बैठक हुए। इस बैठक में दिल्ली कूच सहित कई मुद्दों पर मंथन किया गया, जिसके बाद किसान संगठनों ने फैसला लिया कि वह फिर दिल्ली के लिए कूच करेंगे। किसानों से यह फैसला कोर्ट द्वारा सीमा खाली कराने के बाद किया है। संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के सदस्य जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि वह शंभू सीमा खुलते ही दिल्ली के लिए कूच कर देंगे। 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालने का भी फैसला लिया गया है। ट्रैक्टर मार्च देश भर में निकाला जाएगा। हालांकि किसानों से यह नहीं बताया कि वह किस तारीख को दिल्ली कूच करेंगे।
दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की दी जाए अनुमति
डल्लेवाल ने बताया कि उनके पास छह महीने का राशन है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि उनको जंतर-मंतर या दिल्ली के रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। अगर रास्ते में कहीं भी सरकार ने रोकने का प्रयास किया तो वे वहीं पर धरना शुरू कर देंगे। इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि वह ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ दिल्ली के लिए कूच करेंगे। क्योंकि बारिश, गर्मी व सर्दी से बचने के लिए उनके पास एकमात्र विकल्प ट्रॉली ही होती है। उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार से कोई मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि सरकार ने जो वादे किए थे, उनको पूरा करवाने के लिए ही आंदोलन कर रहे हैं।
22 जुलाई को दिल्ली में होगा सम्मेलन
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा का साझा सम्मेलन नई दिल्ली में 22 जुलाई को होगा। दोनों मोर्चों ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात के लिए पत्र लिखा है। इन नेताओं से मुलाकात कर संसद के आगामी सत्र में एमएसपी गारंटी कानून समेत किसानों की तमाम मांगों पर प्राइवेट बिल लाने की मांग की जाएगी। आने वाले दिनों में हरियाणा में घर-घर जाकर दोनों मोर्चों के पदाधिकारी किसानों व मजदूरों को जागरूक करेंगे, जबकि 15 सितंबर को हरियाणा में राष्ट्रीय स्तर की किसान महापंचायत की जाएगी।